नगांव : श्री सुंदरकांड सेवा मंडल का रजत जयंती समारोह सम्पन्न

थर्ड आई न्यूज

नगांव से डिंपल शर्मा

श्री सुंदरकांड सेवा मंडल का रजत जयंती समारोह धूमधाम के साथ भक्तिमय वातावरण में शहर के सेठ मेघराज अग्रवाल स्मृति भवन में संपन्न हुआ। इस मौके पर दिल्ली से पधारे और विश्व विख्यात सुंदरकांड पाठ वाचक अजय याग्निक द्वारा बड़े ही सुंदर तरीके से राम और हनुमान के चरित्र से संबंधित हनुमान चालीसा और सुंदरकांड की संगीतमयी प्रस्तुति से श्रोताओं को भाव विभोर होते देखा गया। पंडित अजय याग्निक की रामधुन से राम भक्तों में उल्लास देखते ही बन रहा था।श्रीराम के उद्घोष और वीर हनुमान के जयकारों के साथ सुन्दरकाण्ड का शुभारंभ हुआ। अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायक अजय याग्निक ने भजनों के साथ सुन्दरकाण्ड की चौपाईयों को ऐसे पिरोया कि हर कोई भक्ति में झूमने लगा। कुछ भक्त सुन्दरकाण्ड अपने साथ लेकर कथा स्थल पहुंचे, जहां अजय याग्निक से साथ उन्होंने सुन्दरकाण्ड में स्वर से स्वर मिलाया। भक्ति का ऐसा माहौल जहां श्रीराम नाम के तरन खूब लूटे श्रद्धालुओं ने। तू एक बार आजा हनुमान जी की शरण में…, हमुमान डटे रहो आसन पर, जब तक कथा राम की होवे… और केसर तिलक लगाएं मेरे राम जी… जैसे भजनों की भक्ति और सुन्दरकाण्ड के साथ श्रीराम और बजरंग बली की शक्ति मानों पंडाल में भक्तों को आर्शीवाद प्रदान कर रही थी। सुंदरकांड के बीच चल रहे अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि व्यक्ति में जब बल आ जाता है तब वह अपनी मर्यादा भूल जाता है,भगवान की कथा को सुनना आना चाहिए।शांति जब भी मिलती है, भगवान के श्री चरणों में ही मिलती है इसलिए शांताकार भगवान को प्रणाम किया गया है,आगे कहा गया कि मुसीबत में जब करोड़ों रुपए काम नहीं करते तब वह काम आशीर्वाद करता है,जीवन में अपना व्यक्तित्व ऐसे बनाओ कि दुश्मन के आंगन में खड़े हो तो आपका स्वागत दोस्त की तरह हो। भव्य सजे दरबार के बीच राम लक्ष्मण जानकी और हनुमान की झांकी लगाई गई, मंडल की तरफ से सुंदरकांड में पधारने वाले भक्तों का स्वागत तिलक लगाकर और उन्हें हनुमान की माला पहनाकर किया गया। कथा प्रारंभ से लेकर अंत तक लोग बड़ी संख्या में डटे रहे।सुंदरकांड के माध्यम से रामचरितमानस का प्रचार- प्रसार कर भगवान राम एवं हनुमान के चरित्र को अपनी अनूठी गायन शैली से व्यश्ति को मंत्र- मुग्ध कर देने वाले पंडित याज्ञनिक के साथ एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि बच्चों में संस्कारों की कोई कमी नहीं है अपितु यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उन्हें उनके संस्कारों से अवगत कराये, उन्होंने कहा कि असम की पावन धरा पर आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा है और उनका उद्देश्य यही है कि रामकथा का प्रचार प्रसार समूचे विश्व में जनमानस तक हो, उन्होंने कहा कि श्री राम कथा और सुंदरकांड का पठन उन्हें उनके माता-पिता द्वारा मिला है और बचपन से ही उन्हें राम कथा पढ़ने में आनंद मिला है और अभी तक करीब करीब समूचे विश्व में उन्होंने इसका प्रचार प्रसार किया है, उन्होंने कहा कि
परिवार व्यक्ति से सुंदर बनता है। जिस तरह 5 किलो खीर में 1 ग्राम केसर पुरी खीर को महका देती है, यही चरित्र हमारा होना चाहिए। श्रीहनुमानजी ने अपने कर्मों से अपना चरित्र ऐसा बनाया जिसका बखान स्वयं भगवान ने किया। जिसके कारण आज पूरे विश्व में भगवान राम से ज्यादा हनुमान के मंदिर हैं। यही चरित्र हमारे पारिवारिक जीवन को सुंदरकांड बनाता है।इससे पहले महा-आरती के पश्चात कार्यक्रम को विराम दिया गया और अंत में भक्तों के बीच प्रसाद की व्यवस्था की गई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए श्री सुंदरकांड सेवा मंडल के शंकरलाल वर्मा,शंकर लाल चौधरी,ओमप्रकाश जोगानी, सुरेश खेड़िया,मंगल रातूसरिया, दामोदर खंडेलवाल,राधेश्याम शर्मा,प्रकाश पोद्दार सहित अन्य मण्डल सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा।भवन के प्रांगण में चरण पादूका सेवा महावीर झंवर, कमल बंसल और अन्य भक्तों को संभालते देखा गया।

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