Assam: असम में कांग्रेस सांसद पर हमला करने वालों की पहचान, CM शर्मा बोले – पुलिस कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I असम के नगांव जिले में कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन और उनके निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) पर हमला करने के मामले में अब तक कुल 10 लोगों की पहचान कर ली गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस ने कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन पर हमले की कथित घटना में शामिल व्यक्तियों की पहचान कर ली है। उन्होंने आरोपियों के नाम और स्थानों को साझा करते हुए कहा कि पुलिस कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी। इससे पहले शर्मा ने हमले के बाद गुरुवार को विधानसभा में कहा था कि सांसद के जिले में रहने के दौरान उनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी, खासकर सामगुरी और रूपाहीहाट इलाकों में।

इससे पहले मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। नगांव जिले के रूपोही हाट में यह घटना हुई थी। हुसैन पर हमले के बाद मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने एलान किया कि जिले में रहने के दौरान विपक्षी दल के नेता की सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी। वहीं, असम से कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने घटना के लिए सरमा पर निशाना साधा था।

इस बीच पुलिस ने कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन पर हमले की कथित घटना में शामिल व्यक्तियों की पहचान कर ली है। उनकी पहचान जामटोला के हारुण, फकोली के हरेश, तमुलितुप का बसीर, कावोइमारी के कासेम अली, कावोइमारी के रोसिडुल, अयूब गुनाबारी, रेलवे स्टेशन के लुत्किओर, राउमारी के खलीक, गोरेमाटीखोवा के मोजीबुर और कोचगांव के जहांगीर के रूप में हुई है। सीएम ने कहा कि पुलिस कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी।

क्या है मामला?
इससे पहले पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हुसैन को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों को मामूली चोट आई हैं। पुलिस ने बताया कि हुसैन दोपहिया वाहन पर रूपोही पुलिस थानांतर्गत गुनोमारी गांव में पार्टी की एक बैठक में भाग लेने के लिए जा रहे थे, तभी उन पर क्रिकेट के बल्ले से लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया। लोगों ने अपने चेहरे काले कपड़े से ढके हुए थे। सांसद के खिलाफ नारे लगा रहे थे। पीएसओ ने गोली चलाकर सांसद को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन पर भी हमला किया गया। अतिरिक्त पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और भीड़ को तितर-बितर किया, जबकि हुसैन को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया।

विपक्ष ने सरकार की आलोचना की :
कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है और विपक्षी दल प्रदेश में जंगल राज और गुंडा राज को कायम नहीं रहने देगा। कांग्रेस विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर असम विधानसभा परिसर में विरोध मार्च निकाला और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘पुलिस ने पूर्व सूचना होने के बावजूद उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। उस इलाके में पहले भी इसी तरह की हिंसा हुई थी। यह लोकतंत्र की हत्या और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने का प्रयास है।’ भाजपा विरोधी 15 से अधिक दलों के विपक्षी गुट असम सोनमिलिटो मोर्चा (एएसओएम) ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे राज्य में ‘खतरनाक भविष्य’ की चेतावनी बताया।

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