सनसनी : महानगर में 9 वर्षीय बच्चे की रहस्यमय मौत, मोबाइल गेम्स के कारण आत्महत्या का अंदेशा!

थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी। महानगर के कुमारपाड़ा इलाके के श्रीहरि अपार्टमेंट में कल यानी 23 को एक 9 वर्षीय बच्चे की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। मिली जानकारी के अनुसार, उक्त बच्चे के अभिभावक किसी पारिवारिक कार्य के सिलसिले में पास के कस्बे में गए थे। वे अपने बच्चे को भी साथ ले जाना चाहते थे, लेकिन बच्चे ने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एकदिवसीय क्रिकेट मैच को देखने की जिद करते हुए घर पर ही रुकने की इच्छा जताई। बताते हैं कि जब बच्चे के अभिभावक घर से निकले तब घर में घरेलू काम करने वाली कामवाली थी I डेढ़-दो घंटे के बाद अपने सारे काम निपटा कर वह घर से चली गई I उसके जाने के पहले बच्चे ने अपनी मां से उसकी फोन पर बात भी करवाई थी I
उधर, कुछ घंटे बाद जब अभिभावक घर लौटे, तो उन्होंने अपने मासूम बेटे को कमरे में पंखे से लटकता हुआ पाया। घबराए माता-पिता ने तुरंत बच्चे को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हृदयविदारक घटना ने परिवार, पड़ोसियों और पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया है।
मोबाइल गेम्स से आत्महत्या का अंदेशा :
पुलिस इस दुखद घटना की विभिन्न कोणों से जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि इस मासूम बच्चे को आत्मघाती कदम उठाने की प्रेरणा किसी मोबाइल गेम्स ऐप से मिली हो सकती है। हाल ही में कई ऐसे गेम्स सामने आए हैं, जो बच्चों को खतरनाक टास्क और चुनौतियों में उलझाकर मानसिक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ गेम्स बच्चों के मन में आत्मघाती विचार भरते हैं और उन्हें जोखिम भरे काम करने के लिए उकसाते हैं।
मोबाइल गेम्स : बच्चों के लिए खतरा
आजकल मोबाइल गेम्स बच्चों के जीवन का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं। हालांकि, इन गेम्स के कुछ सकारात्मक पक्ष हो सकते हैं, लेकिन इसके नकारात्मक परिणाम कहीं अधिक गंभीर हैं। लंबे समय तक गेम खेलने के कारण बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विशेष रूप से, हिंसक और आत्मघाती प्रवृत्ति वाले गेम्स उनके नाजुक दिमाग में गलत विचारों को जन्म देते हैं।
मोबाइल गेम्स के नकारात्मक प्रभाव:
- मानसिक तनाव और अवसाद: गेम्स में हारने की स्थिति में बच्चे तनाव और निराशा के शिकार हो जाते हैं, जिससे उनमें आत्मसम्मान की कमी हो सकती है।
- हिंसक प्रवृत्ति: युद्ध, लड़ाई और मारपीट जैसे गेम्स बच्चों में आक्रामकता और क्रूरता को बढ़ावा देते हैं।
- शारीरिक स्वास्थ्य पर असर: घंटों मोबाइल पर गेम खेलने से आंखों की रोशनी कमजोर होती है, साथ ही मोटापा और नींद की समस्याएं भी बढ़ती हैं।
- सामाजिक अलगाव: मोबाइल गेम्स में व्यस्त रहने के कारण बच्चे परिवार और दोस्तों से दूर होते जा रहे हैं, जिससे उनका सामाजिक विकास प्रभावित हो रहा है।
- आत्मघाती प्रवृत्ति: कुछ गेम्स खतरनाक चुनौतियों और टास्क के रूप में बच्चों को आत्मघात की ओर धकेलते हैं, जैसा कि इस दुखद घटना में देखने को मिला।
अभिभावकों की भूमिका और सरकार की जिम्मेदारी :
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि मोबाइल गेम्स के नकारात्मक प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अभिभावकों को अपने बच्चों की डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। बच्चों को ऐसे गेम्स से दूर रखना आवश्यक है, जो हिंसा, नकारात्मकता और आत्मघात जैसी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देते हैं।
इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों को भी इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। मोबाइल ऐप्स की निगरानी और ऐसे गेम्स पर प्रतिबंध लगाना अनिवार्य हो गया है, जो बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह:
- बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करें और उन्हें आउटडोर खेलों और अन्य रचनात्मक गतिविधियों की ओर प्रोत्साहित करें।
- मोबाइल और इंटरनेट पर पैरेंटल कंट्रोल का उपयोग करें, ताकि बच्चे सुरक्षित डिजिटल वातावरण में रहें।
- बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें और यदि कोई असामान्य व्यवहार दिखाई दे, तो तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।
- बच्चों के साथ खुलकर संवाद करें और उन्हें यह समझाएं कि गेम्स सिर्फ मनोरंजन के लिए हैं, वास्तविक जीवन के लिए नहीं।
9 वर्षीय मासूम की इस दुखद मौत ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना एक चेतावनी है कि यदि समय रहते मोबाइल गेम्स की लत और उसके दुष्प्रभावों पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो आगे भी ऐसी दर्दनाक घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। अब समय आ गया है कि हम अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक बनें और उन्हें डिजिटल दुनिया की खतरनाक भूलभुलैया से बचाएं।
बहरहाल, इस घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है, और अभिभावकों के मन में अपने बच्चों के भविष्य को लेकर गहरी चिंता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस दुखद घटना के वास्तविक कारणों का खुलासा होगा।