Helmets: नितिन गडकरी ने हर दोपहिया वाहन के साथ दो ISI हेलमेट अनिवार्य करने का रखा प्रस्ताव, जानें डिटेल्स

थर्ड आई न्यूज
नई दिल्ली l भारत में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के मकसद से, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रस्ताव दिया है कि सभी दोपहिया वाहनों को दो आईएसआई प्रमाणित हेलमेट के साथ बेचा जाना चाहिए। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा की गई। जिसे टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का पूरा समर्थन मिला है।
क्यों मौजूं है प्रस्ताव :
भारत में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। हर साल 4,80,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और 1,88,000 से ज्यादा लोगों की जान जाती है। इनमें से 66 प्रतिशत मृतक 18 से 45 वर्ष की आयु के होते हैं। खासकर दोपहिया वाहनों से जुड़े हादसों में हर साल 69,000 से अधिक लोग मारे जाते हैं। जिनमें से 50 प्रतिशत मौतें हेलमेट नहीं पहनने के कारण होती हैं।
उद्योग जगत की राय :
टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (THMA) (टीएचएमए) लंबे समय से आईएसआई प्रमाणित हेलमेट की अनिवार्यता की मांग कर रहा है। टीएचएमए ने गडकरी के इस सक्रिय नेतृत्व की सराहना की है। टीएचएमए के अध्यक्ष राजीव कपूर ने कहा, “यह सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि देश की आवश्यकता है। हेलमेट जीवन बचाते हैं, और हर बाइक खरीद के साथ उन्हें अनिवार्य बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है। जो परिवार सड़क दुर्घटनाओं में अपनों को खो चुके हैं, उनके लिए यह कदम उम्मीद की किरण है कि अब ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकेगा।”
उद्योग जगत ने जोर देकर कहा कि दोपहिया वाहनों की सवारी अब जोखिमभरी नहीं होनी चाहिए। अगर राइडर और पीछे बैठने वाले दोनों के पास आईएसआई प्रमाणित हेलमेट होगा, तो सफर सुरक्षित और जिम्मेदारी भरा बनेगा।
हेलमेट निर्माता संघ ने आश्वासन दिया कि वे गुणवत्तापूर्ण आईएसआई हेलमेट के उत्पादन में बढ़ोतरी करेंगे और देशभर में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने गडकरी की इस पहल को सड़क सुरक्षा में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह कदम भारत में सुरक्षित और समझदारी भरी दोपहिया यात्रा के नए युग की शुरुआत करेगा। क्योंकि हर हेलमेट के पीछे एक कीमती जीवन होता है।
ISI सर्टिफाइड हेलमेट क्या होते हैं?
ISI सर्टिफाइड हेलमेट वे हेलमेट होते हैं जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं। इन हेलमेट्स पर ISI (इंडियन स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूट) मार्क होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि हेलमेट ने कड़े गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षणों को पास किया है। यह प्रमाणपत्र यह भरोसा दिलाता है कि अगर कोई दुर्घटना होती है, तो यह हेलमेट सवार को सुरक्षा प्रदान करेगा।
ISI मार्क क्यों जरूरी है?
ISI मार्क यह दर्शाता है कि हेलमेट सरकार द्वारा स्वीकृत सुरक्षा नियमों के अनुरूप बना है। बिना ISI सर्टिफिकेशन वाले हेलमेट्स उतनी सुरक्षा नहीं दे सकते और दुर्घटना की स्थिति में गंभीर चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, जब भी आप हेलमेट खरीदें, यह जरूर देखें कि वह ISI प्रमाणित हो।
कैसे पहचानें कि हेलमेट ISI सर्टिफाइड है?
अगर आप ISI सर्टिफाइड हेलमेट खरीदना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चीजों पर ध्यान दें:
हेलमेट पर ISI मार्क होना चाहिए।
ISI मार्क के नीचे 7 अंकों का लाइसेंस नंबर दिया गया होना चाहिए।
IS 4151:2015 कोड मौजूद होना चाहिए, जो दोपहिया वाहनों के लिए मान्य हेलमेट का मानक है।
कानूनी रूप से अनिवार्य :
भारत में ISI सर्टिफाइड हेलमेट पहनना अनिवार्य है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत, गैर-आईएसआई हेलमेट पहनने पर चालान काटा जा सकता है। यह सर्टिफिकेशन हेलमेट की मजबूती, झटकों को सहने की क्षमता और गुणवत्ता की गारंटी देता है, जिससे यह एक सुरक्षित विकल्प बनता है।