आ गया 26/11 का दोषी तहव्वुर राणा: दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ विशेष विमान, बुलेटप्रूफ गाड़ी से NIA हेडक्वार्टर ले जाएंगे

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I देश का सबसे बड़ा दुश्मन तहव्वुर राणा भारत आ गया है। मुंबई आतंकी हमलों के दोषी राणा को लेकर विमान गुरुवार (10 अप्रैल) दोपहर 2.45 बजे दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अब बुलेटप्रूफ गाड़ी में राणा को सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया जाएगा। राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। राणा को कब और किस वार्ड में रखा जाएगा? फैसला कोर्ट के आदेश के बाद ही होगा। जेल प्रशासन ने राणा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी हाई अलर्ट :
बता दें कि जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की जॉइंट टीम तहव्वुर को लेकर बुधवार को अमेरिका से रवाना हुई थी। राणा के प्रत्यर्पण को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया है। साथ ही SWAT कमांडोज को भी तैनात हैं।

राणा को मौत की सजा होने पर भारत की जय-जयकार होगी :
26/11 मुंबई आतंकी हमले में जीवित बचे नटवरलाल रोटावन ने कहा कि जब तहव्वुर राणा को मौत की सजा सुनाई जाएगी तो भारत की जय-जयकार होगी। मैंने आतंकवादी कसाब की पहचान (मामले की सुनवाई के दौरान) की थी। प्रधानमंत्री मोदी जी शेर की तरह हैं, हमने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों को मारा। तहव्वुर राणा के बाद डेविड हेडली, हाफिज सईद आएंगे…हम भारतीय हैं, हम डरते नहीं हैं।

भारत सरकार के लिए बड़ी जीत :
अजमल कसाब की पहचान करने वाली और आतंक की शिकार बनीं देविका नटवरलाल रोटावन ने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत लाया जाना भारत सरकार के लिए एक बड़ी जीत है। हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान में मौजूद अन्य आतंकवादी सरगनाओं को भी भारत लाया जाना चाहिए और उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए।

पूछताछ में हो सकता है बड़ा खुलासा :
भारत में राणा के गुनाहों का हिसाब होगा। NIA राणा से पूछताछ करेगी। पूछताछ में राणा हमले से जुड़े कई अहम बातें एनआईए को बता सकता है। पाकिस्तान में इस हमले की साजिश रचने और हमला कराने में कौन-कौन लोग शामिल थे, इस पर भी नई जानकारी सामने आ सकती है। यही नहीं, डेविड हेडली भारत में किन-किन लोगों के संपर्क में था और किसने उसकी मदद की इस पर से भी परदा उठ सकता है।

पढ़िए एनआईए की चार्जशीट :
एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, डेविड हेडली ने एक कंपनी ‘इमिग्रेंट लॉ सेंटर’ के प्रतिनिधि के रूप में दिल्ली, मुंबई, जयपुर, पुष्कर, गोवा और पुणे सहित कई भारतीय शहरों का दौरा किया। इस कंपनी का कार्यालय मुंबई के तारदेव रोड पर स्थित था और आरोप है कि राणा ने हेडली को यह ऑफिस स्थापित करने में मदद की।

कई स्थानों पर किए हमले :
चार्जशीट के अनुसार, राणा भी भारत के विभिन्न स्थानों पर गया था। जांच में पता चला कि हेडली, राणा, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, सह-संस्थापक ज़की-उर-रहमान लखवी और अन्य ने मिलकर मुंबई में हुए आतंकी हमलों को अंजाम देने में मदद की। चार्जशीट में यह भी कहा है कि हेडली और राणा ने भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित छाबाद हाउस और दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज जैसे स्थानों पर हमले की योजना बनाई थी।

कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। 64 वर्षीय राणा ने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम किया। राणा को काम पसंद नहीं आया और नौकरी छोड़ दी। 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया। कनाडा से अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया। 7 भाषाएं बोल सकता है। भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाड़ा का नागरिक है।

ISI और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है राणा :
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। हमलों में 166 लोग मारे गए। 300 से अधिक लोग घायल हुए। मुंबई हमले की चार्जशीट में राणा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। राणा ISI और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है। राणा हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था। राणा ने हेडली को मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड नाम से ऑफिस खोलने में मदद की। राणा ने आतंकी गतिविधियों को छुपाने के लिए ऑफिस खोला था।

कई वर्षों का प्रयास सफल :
भारत तहव्वर राणा को अमेरिका से लाने में कई वर्षों से प्रयास कर रहा है। भारत ने दिसंबर 2019 में राणा के प्रत्यर्पण की मांग की थी। भारत ने फरवरी 2021 में आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिकी को नोट भेजा। जून 2021 को अमेरिका की संघीय अदालत में राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए। अब कहीं जाकर प्रत्यर्पण की सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है।

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