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कलंग नदी उफान पर, सामागुरी जलाशय में भारी नुकसान, मत्स्य पालकों की आजीविका पर संकट

थर्ड आई न्यूज

नगांव से जयप्रकाश सिंह

लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नगांव जिले में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। जिले के बीचोबीच बहने वाली कलंग नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के चलते निचले अंचलों में पानी घुस गया है, जिससे तटीय क्षेत्रों में हाहाकार मच गया है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।

विशेष रूप से कार्बी पहाड़ी क्षेत्र में हो रही मूसलधार बारिश के चलते दिजू नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिसका सीधा असर कलंग नदी पर पड़ा है। जल प्रवाह की तीव्रता इतनी अधिक है कि इसका पानी जिले के सामागुरी स्थित मत्स्य जलाशय में प्रवेश कर गया, जिससे वहां के मिट्टी के अधिकांश बांध टूट गए।

लाखों की मछलियां बह गईं :
बांध टूटने से जलाशय में पलित लाखों की मछलियां बह गईं, जिससे मत्स्य पालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। बचे हुए बांधों को बचाने के लिए मत्स्य पालक दिन-रात जुटे हैं, लेकिन उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। इसके अलावा, कुछ स्थानीय लोग अवैध रूप से बांध के समीप मछलियां पकड़ने लगे हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई :
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नगांव के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल डेका ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जलाशय क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती की है। कल रात जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण जलाशय के एक बड़े हिस्से का बांध टूट गया, जिससे कई लाख की मछलियां निकलकर बह गईं।

विभागीय उदासीनता पर सवाल :
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी इसी जलाशय से करोड़ों रुपये मूल्य की मछलियां बह गई थीं, जिसकी भरपाई के लिए मत्स्य पालकों ने संबंधित विभाग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था। परंतु अब तक उन्हें कोई राहत या मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है। यह स्थिति राज्य सरकार के मत्स्य विभाग की तैयारी और तत्परता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

बाढ़ और अव्यवस्था की इस दोहरी मार से त्रस्त मत्स्य पालकों की आजीविका पर बड़ा संकट मंडरा रहा है, और प्रशासन से शीघ्र राहत व पुनर्वास की अपेक्षा की जा रही है।

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