क्यों राजा की ‘रानी’ न बन सकी सोनम: पर्ची सिस्टम से मिले थे दोनों, सामने आई शादी और हनीमून से पहले की कहानी

थर्ड आई न्यूज
गाजीपुर I इंदौर निवासी ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या जो बीते कई दिनों से न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई थी। हर घर में इस घटना को लेकर अफसोस जताया जा रहा था, सब लोग सोनम के जिंदा मिल जाने की कामना कर रहे थे। अब सोनम यूपी के गाजीपुर में जिंदा तो मिल गई, लेकिन विश्वास मर गया। वो विश्वास जो एक पति पत्नी के बीच रिश्ते की सबसे मजबूत कड़ी होती है। इस पूरे मामले में अभी तक जो सामने आ रहा है और पुलिस की थ्योरी बता रही है कि राजा रघुवंशी की हत्या के पीछे सोनम का हाथ है। ये बात सामने आई तो लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों सोनम ने अपने पति की हत्या की? सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर सोनम को किसी और से मोहब्बत थी तो शादी से इनकार कर देती, राजा को जान से मारने की क्या जरूरत थी? इन सभी सवालों के जवाब को जानने के लिए हमें सोनम की जिंदगी में झांकना होगा I
पर्ची से बनी दोनों की जोड़ी :
अभी तक जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक सोनम रघुवंशी और राजा रघुवंशी दोनों का परिवार इस रिश्ते से पहले एक दूसरे को जानता तक नहीं था। दोनों परिवार की मुलाकात बहुत ही रोचक है। इंदौर में दोनों के परिवार वाले अपने-अपने बच्चे के लिए अपने ही समाज में लड़का और लड़की की तलाश कर रहे थे। इस बीच रघुवंशी समाज के लोग रामनवमी के दिन एक स्थान पर एकत्रित होते हैं और यहां पर अपने-अपने बच्चों की जानकारी एक पर्ची में लिखकर रख दिया करते हैं। इसमें लड़के या लड़की का नाम, उम्र, पढ़ाई और काम के बारे में जानकारी लिखी होती है। एक तरह से इसे बायोडाटा कहा जा सकता है। अब जिसे लड़की की तलाश है तो वो लड़की का बायोडाटा देखता है और जिसे लड़के की तलाश है तो वो लड़के का। ऐसे ही इन दोनों का परिवार आपस में मिला। दोनों के परिवार वालों को सब सही लगा और बात शादी तक जा पहुंची।
बतौर एचआर नौकरी करती थी सोनम :
शादी से पहले सोनम अपने ही पिता की कंपनी बतौर एचआर नौकरी करती थी। सोनम के पिता की प्लाईवुड की कंपनी है। सोनम के पिता को पैरालायसिस है और अब यह बिजनेस उनका बेटा और सोनम का भाई गोविंद रघुवंशी चलाता है। इस कंपनी में राज कुशवाहा पहले से काम करता था और बताया जा रहा है कि राज और सोनम के बीच यहीं से नजदीकियां बढ़ी थीं।
साजिश के तरह सोनम ने बुक की थी टिकट :
11 मई को सोनम की राजा के साथ शादी हो गई। इसके बाद दोनों को हनीमून के लिए मेघालय नहीं बल्कि कश्मीर जाना था। लेकिन बीच पुलवामा में आतंकी हमला हो जाता है और दोनों वहां नहीं जा पाते हैं। इस बीच सोनम एक दिन राजा से कहती है कि कश्मीर नहीं जा सकते हैं तो फिर मेघालय चलते हैं, लेकिन राजा का अभी हनीमून पर जाने का मन नहीं था। राजा के घर वाले भी मना कर रहे थे। लेकिन सोनम ने हत्या की साजिश रच rakhi थी और इसी के तरत उसने राजा को बताया कि उसने तो 20 मई की टिकट भी बुक करा ली है। अब राजा के सामने मेघालय जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। इसके बाद ये दोनों मेघालय पहुंचते हैं। यहां पर राज और सोनम ने मिलकर पहले से ही राजा के मर्डर की प्लानिंग कर रखी थी। हालांकि राज वहां नहीं जाता है लेकिन फोन के जरिए सोनम से संपर्क में रहता है। और मौका मिलते ही सुपारी किलर विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद ने मिलकर राजा की हत्या कर दी। हत्या के बाद उनकी लाश को खाई में फेंक दिया।
कॉल डिटेल्स और सबूतों से खुली साजिश की परतें :
पुलिस ने जब सोनम की कॉल डिटेल खंगाली, तो सामने आया कि वह उस युवक से लगातार संपर्क में थी। आरोपियों ने शिलांग में हथियार खरीदे थे। हत्या के बाद राजा की टी-शर्ट, मोबाइल और हथियार स्कूटर की डिक्की में रखकर फेंक दिए गए थे। पुलिस को शक इस बात से भी हुआ कि यदि सोनम की भी हत्या हुई होती तो हथियार राजा के शव के पास पाए जाते। लेकिन जब हथियार अलग जगह से मिले तो यह साफ हो गया कि सोनम की हत्या नहीं हुई, बल्कि वह इस साजिश की मास्टरमाइंड है।
‘राज कुशवाहा को फंसाना चाहती है पुलिस’ :
राज कुशवाहा को लेकर सोनम के पिता ने कहा कि वो गोदाम में काम करता है। वो परसों तक उनके साथ काम कर रहा था। वो इसमें शामिल नहीं हो सकता है। राज ऐसा लड़का नहीं है। वो मेरे पास काम करता है। पुलिस जो आरोप लगा रही है वो निराधार है। झूठा आरोप है। पुलिस खुद को बचाने के लिए बच्चे के ऊपर आरोप लगा रही है। हत्याकांड में पुलिस वाले भी शामिल हैं। पुलिस वाले मुझे नोटिस दें या फिर मैं उनको नोटिस भेजूंगा। मुझे मामले में सीबीआई की जांच चाहिए। वहां के सीएम और डीजीपी भी गलत बोल रहे हैं। वो अपने पुलिस वालों को बचाने के लिए ऐसा बोल रहे हैं।