Report: भारत में बीमा जागरूकता की भारी कमी, 79% पॉलिसीधारकों को नहीं पता क्या है उनका कवरेज

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I भारतीय बीमा धारकों के बीच जगरूकता की भारी कमी देखने को मिली है। बीमा सलाहकार ऐप कवरश्योर के सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। सर्वे के अनुसार 79 प्रतिशत भारतीय यह नहीं जानते कि उनकी बीमा पॉलिसी उन्हें पर्याप्त कवरेज देती है या नहीं। यह अनिश्चितता की स्थिति अंडरइंश्योरेंस के खतरे का संकेत देती है। इससे बीमा कवरेज होने के बावजूद कई लोगों को वित्तीय जोखिम झेलना पड़ सकता है।

35 प्रतिशत पॉलिसीधारकों को ही लाभ और शर्तों की समझ :
इसके अलावा सर्वे से पता चलता है कि लगभग 71 प्रतिशत उत्तदाताओं के पास दो से पांच सक्रिय बीमा पॉलिसियां हैं। इसमें जीवन बीमा सबसे अधिक 63 प्रतिशत के पास है, इसके बाद स्वास्थ्य बीमा 24 प्रतिशत और मोटर बीमा 13 प्रतिशत के पास है। हालांकि ये पॉलिसियां होने के बावजूद 65 प्रतिशत बीमा धारकों ने माना की उन्हें अपनी पनी पॉलिसियों के लाभ, शर्तें, अपवर्जन और क्लेम प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं है। केवल 35 प्रतिशत ही दावा करते हैं कि उन्हें लाभ और शर्तों की पूरी समझ है।

सिर्फ बीमा लेना काफी नहीं- सौरभ विजयवर्गीय
कवरश्योर के संस्थापक और सीईओ सौरभ विजयवर्गीय ने कहा कि अगर बीमाधारक यह नहीं जानते कि उन्हें क्या कवर मिलता है और कैसे इसका उपयोग करना है, तो बीमा का उद्देश्य ही विफल हो जाता है। सिर्फ बीमा लेना काफी नहीं है, वास्तविक वित्तीय सुरक्षा तभी मिलती है जब पॉलिसीधारक और उनके परिवार को इसकी पूरी जानकारी हो।

जागरूकता की कमी से होता है नुकसान :
सर्वे में पता चला कि समझ की कमी परिवारों तक भी फैली हुई है, 60 प्रतिशत आश्रितों को यह नहीं पता कि वे किस बीमा पॉलिसी के अंतर्गत कवर हैं या नहीं। इसके अलावा, दस में से केवल एक आश्रित ही अपने कवरेज या लाभों का सही-सही वर्णन कर सकता है। जागरूकता की इस कमी के कारण अक्सर दावे प्रस्तुत करने में चूक हो जाती है, दावे खारिज हो जाते हैं या पॉलिसी का अप्रभावी उपयोग होता है।

बीमा दस्तावेजों के प्रबंधन में भी कमी :
बीमा दस्तावेजों को संभालने के तरीके भी अलग हैं। 29 प्रतिशत लोग फिजिकल फाइल्स, 26 प्रतिशत स्प्रेडशीट, 24 प्रतिशत एसएमएस अलर्ट, और 21 प्रतिशत डिजिटल फोल्डर का सहारा लेते हैं। ये असंगठित तरीके जानकारी को सही समय पर खोजने में मुश्किलें पैदा करते हैं, जिससे क्लेम या रिन्युअल प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

बीमा साक्षरता में अंतर एक गंभीर खतरा :
बीमा सहायता के मामले में, 36 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मानवीय सलाहकारों को प्राथमिकता दी, जबकि 26 प्रतिशत डिजिटल सहायता के लिए तैयार हैं। 38 प्रतिशत का मानना है कि उन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत नहीं है, जबकि अधिकांश लोगों को अपनी पॉलिसी की पूरी जानकारी नहीं होती । यह बीमा साक्षरता में एक गंभीर अंतर को उजागर करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *