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‘लोकतंत्र एक सिस्टम नहीं संस्कार है’, जानें घाना की संसद में आतंकवाद को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा

थर्ड आई न्यूज

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 साल बाद घाना की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने हैं। बुधवार को घाना पहुंचने पर राष्ट्रपति महामा ने हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया था। प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ 21 तोपों की सलामी भी दी गई थी।

‘घाना में होना सौभाग्य की बात’ :
भारत और घाना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा की मौजूदगी में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बीच घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जैसी ही घाना की भाषा में नमस्ते कहा, सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे अत्यंत गौरव का अनुभव हो रहा है। घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है।” पीएम मोदी ने घाना और भारत की दोस्ती का भी जिक्र किया

सर्वोच्च सम्मान के लिए पीएम मोदी ने जताया आभार :
पीएम मोदी ने कहा, “विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में, मैं अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लेकर आया हूं। उन्होंने कहा कि घाना की धरती सोने के लिए जानी जाती है। घाना की यह पहचान इसके लिए नहीं है कि उसकी धरती के अंदर क्या है, यह उसके लिए है कि यहां के दिल के अंदर क्या है। घाना से मिले सर्वोच्च सम्मान के लिए मैं 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं।”

‘भारत के लिए लोकतंत्र एक सिस्टम नहीं संस्कार है’ :
घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की मां है। भारत के लिए लोकतंत्र एक सिस्टम नहीं संस्कार है। उन्होंने कहा कि भारत में 2 हजार 500 राजनीतिक दल हैं। 20 अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग राज्यों में सरकार चला रही हैं। यही वजह है कि भारत में आने वाले लोगों का भारत में भव्य स्वागत होता है। घाना में भारतीय के लोग उसी तरह घुले-मिले हैं जैसे चाय में शक्कर मिली होती है। पीएम मोदी ने कहा, जब हम घाना को देखते हैं तो हम एक ऐसे राष्ट्र को देखते हैं जो साहस के साथ खड़ा है। समावेशी प्रगति के प्रति आपकी प्रतिबद्धता ने वास्तव में घाना को पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए प्रेरणा का केंद्र बना दिया है।

भारत लिख रहा है विकास की नई इबारत :
घाना की संसंद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।” की बात करता है। पीएम ने घाना की संसद में आतंकवाद का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए आतंकवाद बड़ा मुद्दा और बड़ी समस्या है, इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन भी एक बड़ा मुद्दा है। पीएम ने कहा कि भारत आज विकास की नई इबारत लिख रहा है। कितना सुखद सहयोग है कि भारत के कई गौरवमयी पलों से अफ्रीका जुड़ा हुआ है। जब भारत का चंद्रयान साउथ पोल पर लैंड हुआ था तब मैं भारत में था, आज जब भारत का एक अंतरिक्ष यात्री मानवता की भलाई के लिए स्पेस में है तब भी मैं अफ्रीका में हूं।

‘विश्व व्यवस्था तेजी से बदल रही है’ :
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बदलती परिस्थितियों के कारण वैश्विक शासन में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की आवश्यकता है। प्रौद्योगिकी में क्रांति, ग्लोबल साउथ का उदय और जनसांख्यिकी में बदलाव इसकी गति और पैमाने में योगदान दे रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी विश्व व्यवस्था तेजी से बदल रही है। हमने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा सम्मानित सदस्यगण, भारत और घाना के इतिहास में औपनिवेशिक शासन के निशान हैं, लेकिन हमारी आत्मा हमेशा स्वतंत्र और निडर रही है। हम अपनी समृद्ध विरासत से शक्ति और प्रेरणा प्राप्त करते हैं। हमें अपनी सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई विविधता पर गर्व है। हमने स्वतंत्रता, एकता और गरिमा पर आधारित राष्ट्रों का निर्माण किया है। हमारे संबंधों की कोई सीमा नहीं है।

पीएम मोदी ने डॉ क्वामे नक्रूमा का किया जिक्र :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मुझे एक दूरदर्शी, एक राजनेता और घाना के एक प्यारे बेटे डॉ क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि अर्पित करने का सम्मान मिला। उन्होंने एक बार कहा था, ‘जो ताकतें हमें एकजुट करती हैं, वो अंतर्निहित हैं और उन आरोपित प्रभावों से कहीं अधिक बड़ी हैं जो हमें अलग रखती हैं।’ उनके शब्द हमारी साझा यात्रा का मार्गदर्शन करते हैं। उनका सपना एक लोकतांत्रिक गणराज्य का था जो मजबूत संस्थाओं पर आधारित हो। सच्चा लोकतंत्र चर्चा और बहस को बढ़ावा देता है। यह लोगों को एकजुट करता है।’

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