9 जुलाई को असम में 24 घंटे का चक्का जाम, परिवहन श्रमिकों का केंद्र की ‘श्रमिक विरोधी नीतियों’ के खिलाफ प्रदर्शन

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी, 8 जुलाई। असम में मोटर परिवहन श्रमिकों ने केंद्र सरकार की कथित “श्रमिक विरोधी” और “जनविरोधी” नीतियों के खिलाफ 9 जुलाई को सुबह 5 बजे से 24 घंटे के ‘चक्का बंद’ का आह्वान किया है। यह हड़ताल केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और राष्ट्रीय महासंघों द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का हिस्सा है।

हड़ताल के दौरान राज्य भर में बस, टैक्सी और अन्य निजी व व्यावसायिक वाहनों की सेवाएं ठप रहने की संभावना है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित होगा।

प्रमुख मुद्दे: कठोर कानून, जुर्माने और सामाजिक सुरक्षा की अनदेखी :
परिवहन यूनियनों का कहना है कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत लगाए गए भारी-भरकम जुर्माने ने ड्राइवरों के लिए पेशा जारी रखना कठिन बना दिया है। यूनियनों ने इन दंडों को “अमानवीय” बताते हुए कहा कि कई चालकों को मजबूरी में यह काम छोड़ना पड़ा।

इसके साथ ही, भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2), जिसे “हिट एंड रन एक्ट” कहा जा रहा है, भी बड़ी चिंता का विषय है। यूनियनों का आरोप है कि यह प्रावधान चालकों पर अनुचित आपराधिक दायित्व थोपता है। सरकार द्वारा इसे हटाने का आश्वासन देने के बावजूद, यूनियन नेताओं का कहना है कि यह अभी भी प्रभावी है।

यूनियनों ने लंबे समय से पेंशन, चिकित्सा सुविधा और शिक्षा सहायता जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभों की मांग की है, जिसे अब तक नजरअंदाज किया गया है। उनका आरोप है कि सरकार सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को कमजोर कर निजी कंपनियों के हित में काम कर रही है।

जनता से समर्थन की अपील :
संघों ने असम की जनता से अपील की है कि वे परिवहन एवं श्रमिक समुदायों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस हड़ताल को पूर्ण समर्थन दें। उनका कहना है कि यह चक्का बंद रोजगार, न्याय और सम्मान की लड़ाई है।

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