Rajya Sabha: राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को किया मनोनीत; उज्ज्वल निकम-मीनाक्षी जैन के नाम भी शामिल

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को मनोनीत किया है। इनमें सरकारी वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर, भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रख्यात इतिहासकार एवं शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन का नाम शामिल है। ये नामांकन पूर्व में नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण खाली पड़ी सीटों को मद्देनजर किए गए हैं।

बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(क) के खंड (3) द्वारा उन्हें दी गई शक्तियों के अंतर्गत इन लोगों को राज्यसभा के लिए चुना है। भारत के राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए 12 व्यक्तियों को मनोनीत कर सकते हैं। ये लोग कला, साहित्य और लोक सेवा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा के लिए जाने जाते हैं I

अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत रहे हैं श्रृंगला :
हर्षवर्धन श्रृंगला पूर्व विदेश सचिव रहे हैं। उन्होंने पूर्व में संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत का पद भी संभाला है। उन्होंने 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक के रूप में भी कार्य किया है।

निकम ने मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में रखा सरकार का पक्ष :
उज्जवल देवराव निकम कानूनी क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं। उन्होंने मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में सरकारी वकील के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन किया था। उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के आम चुनावों में मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था।

1994 में माकपा वालों ने काट दिए थे सदानंदन मास्टर के पैर :
राज्यसभा के लिए नामित किए गए सी. सदानंदन मास्टर केरल के भाजपा सदस्य हैं। वे पूर्व में शिक्षक रहे हैं। उन्हें भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था। वहीं, सदानंदन को 25 जनवरी, 1994 में राजनीतिक हिंसा के शिकार बनाया गया था। तब उनके पैतृक गांव पेरिंचरी के पास माकपा कार्यकर्ताओं ने उनके दोनों पैर काट दिए थे।

गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर हैं मीनाक्षी जैन :
वहीं, राज्यसभा के लिए राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा नामित की गई डॉ. मीनाक्षी जैन प्रख्यात इतिहासकार एवं शिक्षाविद् हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर रही हैं।

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