FTA: भारत के मादक पेय पदार्थों को ब्रिटेन की दुकानों में मिलेगी जगह, गोवा की फेनी-केरल की ताड़ी भी शामिल

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I भारत और ब्रिटेन के बीच गुरुवार को हुए मुक्त व्यापार समझौते से देश के परंपरागत पेय पदार्थों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने का रास्ता खुल गया है। इस समझौते के तहत गोवा की फेनी, नासिक की परंपरागत वाइन और केरल की ताड़ी जैसे अनूठे पारंपरिक पेय को ब्रिटेन में मान्यता मिलने वाली है।

जीआई संरक्षण के साथ विकसीत बाजारों में मिलेगी पहुंच :
इसके साथ ही, भारतीय एथनिक एल्कोहलिक पेय को न केवल अपने पारंपरिक भौगोलिक संकेत (जीआई) संरक्षण का लाभ मिलेगा। साथ ही ब्रिटेन जैसे विकसीत बाजारों तक भी पहुंच प्राप्त होगी, जहां प्राकृतिक और जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है।

हॉस्पिटैलिटी जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में भी मिलेगा अवसर :
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ये पेय अपने अनोखे स्वाद, विशिष्ट फ्लेवर प्रोफाइल और सांस्कृतिक विरासत के साथ ब्रिटिश टम्बलर्स में खास जगह बनाएंगे। उन्होंने कहा कि एफटीए से न केवल स्कॉच व्हिस्की और अन्य के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय शिल्प पेय को ब्रिटेन में जगह दिलाने में मदद मिलेगी, बल्कि हॉस्पिटैलिटी जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में भी ये नए अवसर तलाश सकेंगे।

2030 तक एक अरब डॉलर का लक्ष्य :
यह सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो वैश्विक बाजारों में भारतीय मादक पेय पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा दे रही है। हालांकि, यह एक नया क्षेत्र है। सरकार को उम्मीद है कि देश का मादक पेय पदार्थों का निर्यात वर्तमान 370.5 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक एक अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।

भारत के पास वैश्विक बाजारों के लिए बड़ी संभावनाएं :
इससे पहले अप्रैल में, एपीईडीए (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) ने कहा था कि भारतीय मादक पेय पदार्थों की वैश्विक बाजारों में बड़ी संभावनाएं हैं। देश में दुनिया को देने के लिए जिन, बीयर, वाइन और रम सहित कई अच्छे उत्पाद हैं।

पेय पदार्थों के निर्यात में भारत 40वें स्थान पर :
भारत वर्तमान में मादक पेय पदार्थों के निर्यात के मामले में विश्व में 40वें स्थान पर है। देश का लक्ष्य आने वाले वर्षों में विश्व के शीर्ष 10 निर्यातकों में शामिल होना है। देश का मादक पेय पदार्थों का निर्यात 2023-24 में 2,200 करोड़ रुपये से अधिक रहा। प्रमुख निर्यात स्थलों में संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या और रवांडा शामिल हैं।

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