Jaishankar: ‘मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन लें..’, ट्रंप के दावों पर जयशंकर ने दिया जवाब

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। अपने वक्तव्य में विदेश मंत्री ने साफ कहा कि संघर्ष विराम को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से लेकर 16 जून 2025 के दौरान कोई बातचीत नहीं हुई।

ट्रंप के संघर्ष विराम के दावों पर जयशंकर ने दिया ये जवाब :
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के संघर्ष विराम के दावों पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा और हंगामा किया। इस पर जयशंकर ने विपक्षी सांसदों से कहा कि ‘मैं उनको कहना चाहता हूं, वे कान खोलकर सुन लें। 22 अप्रैल से 16 जून तक राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच एक बार भी फोन पर बात नहीं हुई।’ जयशंकर ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय नीति है कि कोई भी बातचीत द्विपक्षीय होनी चाहिए। पाकिस्तान के डीजीएमओ की तरफ से संघर्ष विराम का अनुरोध किया गया था।

जयशंकर ने कहा कि ‘जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ तो कई देश यह जानना चाहते थे कि स्थिति कितनी गंभीर है और ये हालात कब तक चलेंगे, लेकिन हमने सभी को एक ही संदेश दिया कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई भी समझौता द्विपक्षीय तौर पर ही होगा। हम पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहे हैं, और देते रहेंगे। अगर यह लड़ाई रुकनी है, तो पाकिस्तान को इसका अनुरोध करना होगा और यह अनुरोध केवल डीजीएमओ के माध्यम से ही आ सकता है।’

‘सिंधु जल समझौते में देश हितों की अनदेखी हुई’ :
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और सिंधु जल समझौता, मुंबई आतंकी हमला और चीन-पाकिस्तान गठजोड़ पर विपक्षी पार्टी की तीखी आलोचना की। सिंधु जल समझौता स्थगित करने के सरकार के फैसले पर बोलते हुए विदेश मंत्री ने काह कि ‘सिंधु जल संधि कई मायनों में एक अनोखा समझौता है। मैं दुनिया में ऐसे किसी भी समझौते के बारे में नहीं जानता, जहां किसी देश ने अपनी प्रमुख नदी के पानी को दूसरे देश में बहने दिया। जयशंकर ने इसके लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार ने अपने देश के हितों की अनदेखी कर पड़ोसी देश के हितों का ध्यान रखा था।

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