रामकथा का छठा दिन :“वक़्त भी गुजर जाएगा, श्रीराम की शरण में सुख ही सुख है” – महंत भरत शरण जी महाराज

थर्ड आई न्यूज़

गुवाहाटी, 3 अगस्त। माहेश्वरी भवन में चल रही श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिवस पर व्यासपीठ से पूज्य महंत भरत शरण जी महाराज ने कथा की अमृतधारा प्रवाहित करते हुए श्रद्धालुओं को जीवन की अनित्यताओं से ऊपर उठकर धैर्य, धर्म और श्रीराम की शरण में स्थिर रहने का संदेश दिया।

महाराजश्री ने अपने दिव्य प्रवचनों में कहा कि समय अपनी गति से चलता रहता है, किंतु रामकथा की गहराइयों को समय में नहीं बाँधा जा सकता। कथा के दौरान जब दशरथ की पीड़ा, अयोध्यावासियों का विषाद और सुमंत की विवशता का वर्णन हुआ, तो पूरा सभागार सहानुभूति, करुणा और भक्ति से भर उठा। विशेष रूप से ‘धीरज धर्म मित्र अरु नारी, आपद काल परखिए चारी’ चोपाई की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि आपत्ति के समय में धैर्य, धर्म, सच्चा मित्र और नारी— ये ही असली कसौटी पर खरे उतरते हैं। कैकेई की चूक और मंथरा की कुचाल को एक सामाजिक शिक्षा के रूप में प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि विपत्ति में भी विवेक से च्युत नहीं होना चाहिए।

इसके पश्चात जब कथा चित्रकूट प्रवास की ओर अग्रसर हुई, तो महाराजश्री ने चित्रकूट की दिव्यता और ऋषि अत्रि एवं सती अनुसूया के तपोमय आश्रम का स्मरण कराते हुए कहा कि त्रेतायुग में जिस चित्रकूट की महिमा थी, वही महिमा कलियुग में भी अक्षुण्ण है। यह भूमि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की उपस्थिति से पूज्य है, और हर सनातनी को जीवन में एक बार अवश्य वहां जाना चाहिए।

चित्रकूट के पश्चात भरत-राम मिलन की करुणामयी झांकी प्रस्तुत हुई, जिसमें भरत की विनम्रता, त्याग और भक्ति ने सभी श्रोताओं को भाव-विह्वल कर दिया। महाराजश्री ने कहा कि भरत वह भक्त हैं जिन्होंने प्रभु के चरणों को प्रभु से भी ऊपर माना। भरत के श्रीराम से चरण पादुका मांगने और उन्हें सिंहासन पर विराजमान कर स्वयं निज को महलों से दूर रखने की कथा ने भक्ति रस को चरम पर पहुँचा दिया।

इस भावविह्वल प्रसंग को जीवंत बनाने के लिए श्रीराम और भरत मिलन, पादुका को मस्तक पर धारण कर भरत की विदाई की मनोहारी झांकी प्रस्तुत की गई। श्रद्धालुओं का समूह विह्वल होकर श्रीराम की करूणा और भरत की भक्ति में लीन हो गया।

आरती के अवसर पर प्रकाश मल, पवन तापड़िया, सुनील बागड़ी, संजीव सिंघी, सुरेंद्र सोलानी, संजय काबरा, महेश राठी, सुनील मुंदड़ा सहित अनेक श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ के दर्शन कर महाराजश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।

माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष सीताराम बिहानी ने बताया कि यद्यपि मानसून को लेकर सरकार ने खराब मौसम की चेतावनी दी है, फिर भी श्रद्धा और कथा के प्रवाह में कोई विघ्न नहीं होगा। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त की कथा में सीता हरण, जटायु प्रसंग, शबरी भेंट जैसे हृदयस्पर्शी और भक्तिरस से परिपूर्ण प्रसंग होंगे। उन्होंने सभी धर्मप्रेमियों से अनुरोध किया— कृपया समय पर पधारें, क्योंकि श्रीराम की भक्ति में देरी नहीं होनी चाहिए।

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