जैसी करनी वैसी भरनी — जटायु की वेदना और शबरी की भक्ति से सराबोर हुआ श्रीराम कथा का सप्तम दिवस, महंत भरत शरण जी बोले — “चिंता नहीं, चिंतन करें; दीन-हीन की सेवा ही है सच्चा धर्म”
थर्ड आई न्यूज़ गुवाहाटी, 4 अगस्त। श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के सप्तम दिवस पर माहेश्वरी भवन में संत महापुरुषों की दिव्य वाणी, भावपूर्ण प्रसंगों और आत्मा को स्पर्श करने वाले भजनों से भक्ति का वातावरण और अधिक गहरा गया। कथा के मुख्य व्यासपीठ से महंत भरत शरण जी महाराज ने बालकांड से लेकर आरण्यकांड तक…

