शिशु निकेतन विद्यालय ने मनाया 60वां स्थापना दिवस, पूर्व छात्रों और शिक्षकों के योगदान को किया नमन

थर्ड आई न्यूज़
गुवाहाटी, 6 अगस्त 2025।
महानगर स्थित शिशु निकेतन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ने आज अपना स्थापना दिवस हर्षोल्लास एवं गरिमामय वातावरण में मनाया। साठ वर्षों की गौरवमयी यात्रा के उपलक्ष्य में आयोजित इस समारोह की शुरुआत ध्वजारोहण और विद्यालय के प्रति सम्मान अभिव्यक्ति से हुई। इसके पश्चात विद्यालय गीत की सस्वर प्रस्तुति के बीच मुख्य अतिथियों एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया।
विद्यालय प्रांगण को विशेष रूप से सजाया गया था, और छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह में रंग भर दिए। विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए 1965 से अब तक की विद्यालय की उपलब्धियों का भावपूर्ण स्मरण किया। उन्होंने आरंभिक वर्षों के छात्र रह चुके अशोक सराफ और अरुण शर्मा, जो आज समिति के सक्रिय सदस्य हैं, को शुभकामनाएं दीं और उनके सतत योगदान की सराहना की।
पूर्व अध्यक्ष गणपत राय धानुका, केदारमल ब्रह्मिण, किशोरी लाल जैन, मोहनलाल शर्मा, महावीर प्रसाद और गोपी किशन जोशी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके समर्पित सेवाभाव को नमन किया गया। अध्यक्ष ने अपने संबोधन में छात्रों को कर्मनिष्ठा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
समारोह में समिति के उपाध्यक्ष सुभाष सीकरिवा, संयुक्त सचिव रतन गोयल, विनोद मोर, कैलाश मित्तल, ओ. पी. लाहोटी, के. के. जालान, अरुण शर्मा, रमेश जैन एवं अभिभावक प्रतिनिधि अमनदीप कौर उपस्थित रहे। सभी ने विद्यालय की हीरक जयंती पर विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं प्रबंधन को शुभकामनाएं दीं।
विद्यालय के पूर्व सचिव अशोक सराफ ने 1965-66 सत्र के छात्र होने पर गौरव व्यक्त करते हुए विद्यालय के उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष से उच्च माध्यमिक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने पूर्व सचिवों श्यामा प्रसाद शर्मा, किशोरी लाल जैन, बदरी प्रसाद शर्मा, मोहनलाल शर्मा, बनवारीलाल सिकारिया, राजकुमार गाड़ोदिया और वर्तमान सचिव प्रदीप जैन के विद्यालय-निर्माण में योगदान को भी श्रद्धापूर्वक याद किया।
कार्यक्रम का समापन राज्य गीत की सामूहिक प्रस्तुति के साथ हुआ।