‘कुछ लोग गाड़ी चलाना बंद कर दें तो मुझे खुशी होगी’ – असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा के बयान पर बवाल

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी, 19 अगस्त 2025।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और राज्य के कैब चालकों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए मुख्यमंत्री के बयान ने इस टकराव को और गहरा कर दिया है। सीएम ने ओला और उबर जैसे ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के चालकों को “अनजान (Unknown)” कहकर संबोधित किया था।

विवाद बढ़ने पर मुख्यमंत्री ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा—
“अगर कुछ ड्राइवर गाड़ी चलाना बंद कर दें तो मुझे खुशी होगी। उन्हें बंद करने दीजिए। मैं सच कह रहा हूं, मैं सिर्फ अनजान लोगों की बात कर रहा हूं, पहचाने हुए लोगों की नहीं। इस सरकार का रुख अजनबियों के खिलाफ है और मेरा बयान सच साबित हो रहा है।”

इससे पहले रविवार को राज्य की तीन बड़ी कैब चालकों की यूनियनें—ऑल असम कैब ऑपरेटर्स यूनियन, सदाउ असम कैब मजदूर संघ और ऑल गुवाहाटी कैब ड्राइवर्स यूनियन—ने सरकार और परिवहन विभाग पर तीखा हमला बोला। संगठनों का आरोप है कि परिवहन विभाग ने न केवल कैब चालकों को दबाया है, बल्कि “अनजान तत्वों” को बढ़ावा भी दिया है।

यूनियनों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री अपना बयान वापस लें, अन्यथा वे राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे। उनका कहना है—
“अगर मुख्यमंत्री ने अगस्त तक अपनी गलती स्वीकार नहीं की तो हम सड़क पर उतरेंगे। पूरे असम में चक्का बंद होगा और जरूरत पड़ने पर दिल्ली में भी प्रदर्शन करेंगे।”

कैब चालकों ने चुनौती दी है कि सीएम स्पष्ट करें कि उन्होंने “अनजान तत्वों” से क्या तात्पर्य लिया था। संगठनों का कहना है कि इस टिप्पणी से उनकी पहचान और आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है।
“हम सिर्फ दो वक्त की रोटी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हमारी लड़ाई केवल अपने वाहन की ईएमआई भरने की है, न कि जमीन-जायदाद और आलीशान जीवन के लिए। कृपया हमारी जिंदगी में हिंदू-मुस्लिम राजनीति को न घसीटें,” चालकों ने कहा।

यह विवाद अब सरकार और राज्य के हजारों कैब चालकों के बीच गहरी खाई का रूप ले चुका है। यदि मामला जल्द नहीं सुलझा तो पूरे राज्य में बड़े आंदोलन और चक्का बंद की आशंका जताई जा रही है।

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