India-US Trade War: जयपुर जवाहरात बाजार को लगा ट्रंप की टैरिफ वॉर का झटका, 50% निर्यात ठप, रोजगार पर संकट

थर्ड आई न्यूज

जयपुर I तुर्किए से कारोबारी रिश्तों में खटास आने के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ से जयपुर के आभूषण निर्यातकों को बड़ा झटका लगा है। इस क्षेत्र में कारोबार कर रहे हजारों की रोजी-रोटी संकट में पड़ गई है। टैरिफ लगाए जाने के बाद जयपुर से जवाहरात निर्यात औंधे मुंह गिरा है।

जयपुर ज्वेलर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव अजय गोधा ने बताया कि अमेरिका जयपुर के आभूषणों का सबसे बड़ा खरीददार था लेकिन अब वहां से ऑर्डर मिलने बंद हो गए हैं और कई मामलों में पहले से भेजी गई खेप भी कस्टमर्स ने लेने से इंकार कर दिया है। इससे न केवल भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि स्टॉक भी अमेरिका में अटका पड़ा है।

हालत यह है कि जवाहरात के थोक और खुदरा कारोबार के लिए मशहूर जयपुर के जौहरी बाजार में अब ग्राहक नदारद हैं और बेचने वाले भी बेचैन हैं। निर्यात ऑर्डर निरस्त होने से जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के स्पेशल इकॉनोमिक जोन में भी जवाहरात इकाइयों में काम ठप पड़ गया है।

क्रिसमस के ऑर्डर कैंसल :
हर साल इस समय जयपुर के जवाहरात बाजार में क्रिसमस के ऑर्डर पूरे करने के लिए जबरदस्त गहमा-गहमी रहती है लेकिन टैरिफ के चलते अमेरिका से ऑर्डर रुकने और रद्द होने के कारण जयपुर से होने वाला 50% से अधिक आभूषण निर्यात प्रभावित हुआ है। ऐसे में कारोबारी इस तैयार माल को खपाने के लिए नए बाजार की तलाश में हैं।

3,200 करोड़ रुपए का निर्यात प्रभावित :
राजधानी जयपुर से हर साल करीब 18 हजार करोड़ रुपए का निर्यात होता है। इनमें 3200 करोड़ रुपए के रत्न और आभूषण निर्यात किए जाते हैं। इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर के समय भारत और तुर्किए के रिश्ते बिगड़ने की वजह से भी जयपुर के जवाहरात बाजार को बड़ा झटका लगा था। जयपुर और तुर्किए के बीच भी सालाना हजार करोड़ रुपए का जवाहरात का कारोबार होता है, जो मुख्य रूप से जेम्स एंड ज्वेलरी और मार्बल सेक्टर से जुड़ा हुआ है लेकिन दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ने के बाद वहां भी कारोबार प्रभावित हुआ।

आभूषण निर्यात में 30% की गिरावट :
रिपोर्ट्स के अनुसार 2023-24 में राजस्थान से जड़े हुए आभूषणों का कुल निर्यात 82,000 करोड़ से घटकर 2024-25 में 60,000 करोड़ पर आ गया है। अमेरिका के टैरिफ बढ़ने से यह गिरावट और बढ़कर 50% तक पहुंचने की आशंका है।

रोजी-रोटी पर संकट :
राजस्थान एक्सपोर्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने बताया कि इस टैरिफ का असर राज्य के लगभग 8 लाख लोगों पर पड़ेगा, जिनमें कारीगर, दस्तकार, आभूषण उद्योग में काम करने वाले श्रमिक, कालीन बुनकर और वस्त्र उद्योग में काम करने वाली महिलाएं शामिल हैं।

सरकार से राहत पैकेज की मांग :
राजस्थान एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एन.के. जैन ने कहा कि बड़ी इकाइयां यूएई और यूके में अपने ऑफिस खोल रही हैं, लेकिन छोटे कारोबारी और कारीगर संकट में हैं। ऐसे में उन्होंने सरकार से कोविड काल जैसे राहत पैकेज देने और श्रमिकों को मदद पहुंचाने की मांग की है।

प्रतिद्वंद्वी देशों को कम टैरिफ का लाभ :
जब भारत पर 50% शुल्क लगाया गया है, वहीं तुर्की, थाईलैंड, वियतनाम और यूएई जैसे प्रतिस्पर्धी देशों से आने वाले आभूषणों पर सिर्फ 10-20% टैरिफ है। इससे जयपुर की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त खत्म होती जा रही है।

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