मदनी की असम यात्रा सरकार प्रायोजित साज़िश- लुरिनज्योति गोगोई

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I असम जातीय परिषद (AJP) के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने मंगलवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नेता मौलाना महमूद मदनी की हालिया असम यात्रा मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा की “संलिप्तता” से संभव हुई और यह भाजपा समर्थित साज़िश है जिसका उद्देश्य असम में साम्प्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देना है।

“असम की जनता से छुपाई गई यात्रा”

डिब्रूगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता में गोगोई ने सवाल उठाया कि मदनी की यात्रा की जानकारी असम की जनता से क्यों छुपाई गई। उन्होंने कहा:

“जब बदरुद्दीन अजमल लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए, तब बाहर से साम्प्रदायिक राजनीति के एजेंटों को असम लाया जा रहा है।”

सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल :
गोगोई ने आरोप लगाया कि मदनी को पूर्ण सरकारी सुरक्षा प्रदान की गई और वे बिना किसी सार्वजनिक सूचना के श्रीरामपुर गेट से होकर ग्वालपाड़ा पहुँचे और वहाँ सभाएँ कीं। बाद में गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की, जिसे गोगोई ने “बड़ी रहस्यमयी घटना” बताया।

उन्होंने कहा कि असम की खुफिया एजेंसियाँ भी उनकी यात्रा का पूर्वाभास नहीं कर पाईं, जबकि मदनी देश के अन्य हिस्सों में सांप्रदायिक विवादों से जोड़े जाते रहे हैं। गोगोई ने आरोप लगाया कि असम में “तीसरा साम्प्रदायिक टकराव” भड़काने की साज़िश रची जा रही है।

धारा 144 लागू न करने पर आपत्ति :
गोगोई ने सवाल किया कि मदनी के कार्यक्रमों के दौरान धारा 144 सीआरपीसी के तहत निषेधाज्ञा क्यों लागू नहीं की गई। उन्होंने कहा:

“जब उनके बयान भड़काऊ थे और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की मंशा रखते थे, तो उन्हें हिरासत में क्यों नहीं लिया गया?”

“जमीयत बन गई भाजपा की एजेंट” :
गोगोई ने आरोप लगाया कि जमीयत अब भाजपा की “एजेंट” बन चुकी है। उन्होंने राज्य सरकार पर कानूनों के चयनात्मक उपयोग का आरोप लगाया और कहा कि

“जो कोई भी भड़काऊ बयान देता है, उसे धारा 144 के तहत रोका जाना चाहिए और हिरासत में लिया जाना चाहिए। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।”

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