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Assam: भारत रत्न भूपेन हजारिका जन्म शताब्दी वर्ष समारोह का आगाज, मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी वर्षगांठ का वर्षभर चलने वाला समारोह आरंभ हो गया है। राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस अवसर पर महान गायक, संगीतकार और सांस्कृतिक आइकन को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उद्घाटन कार्यक्रम गुवाहाटी स्थित डॉ. भूपेन हजारिका समन्वय क्षेत्र में हुआ, जहां 2011 में उनका अंतिम संस्कार किया गया था। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद 100 प्रमुख हस्तियों ने उनके सम्मान में ध्वज फहराया और संगीतमय कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।

समारोह में हिस्सा लेने अमेरिका से भूपेन हजारिका के पुत्र तेज हजारिका अपनी पत्नी और पुत्र के साथ पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को अपने दो दिवसीय असम दौरे के दौरान इस समारोह में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि हजारिका मानवता की वैश्विक आवाज और प्रेरणा के शाश्वत स्रोत हैं। उन्होंने कहा, उनका जीवन और समय स्वयं में एक मिसाल है। असम और भारत के प्रति उनका प्रेम हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। सरमा ने यह भी रेखांकित किया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया, डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा और स्मृति सिक्का जारी किया।

भूपेन हजारिका के छोटे भाई समर हजारिका ने इस भव्य आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा, यह पहली बार है कि किसी असमिया कलाकार को राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह सम्मानित किया गया है। उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों और सांस्कृतिक संस्थाओं का भी आभार जताया, जिन्होंने समानांतर कार्यक्रमों की योजना बनाई है।

भूपेन हजारिका सांस्कृतिक न्यास ने भी गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में विशेष आयोजन किए, जिनमें संगीतमय प्रस्तुतियां और उनके संग्रहालय में दीप प्रज्ज्वलन शामिल था।

राज्य के अन्य हिस्सों में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। नगांव में 10 सितंबर को नुरुल अमीन स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और स्कूलों के 15,000 विद्यार्थी भूपेन हजारिका का अमर गीत ‘मनुहे मनुहार बाबे’ सामूहिक रूप से गाएंगे। इस कार्यक्रम को दर्ज करने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

‘सुधाकंठ’ के नाम से प्रसिद्ध भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को तिनसुकिया जिले के सादिया में हुआ था। उनका संगीत असम की सांस्कृतिक परंपराओं में गहराई से रचा-बसा होने के बावजूद सीमाओं और भाषाओं से परे जाकर मानवता, न्याय और संवेदना का सार्वभौमिक संदेश देता रहा।

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