PM Assam Visit: भूपेन हजारिका के जन्म शताब्दी समारोह शामिल हुए पीएम मोदी, जारी किया सौ रुपये का स्मृति सिक्का

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मणिपुर दौरे के बाद असम पहुंचे। उन्होंने गुवाहाटी में भारत रत्न भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर आयोजित समारोह में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने गुवाहाटी में रोड शो किया, जहां उन्होंने सड़क पर खड़े लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। लोगों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया और पूरे उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।

पुस्तक विमोचन और 100 रुपये स्मृति सिक्का जारी किया :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूपेन हजारिका पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के अवसर पर एक सौ रुपये का स्मृति सिक्का भी जारी किया। समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, अभी कुछ दिन पूर्व ही आठ सितंबर को भूपेन हजारिका का जन्मदिवस बीता है। इस दिन मैंने भूपेन दा को समर्पित एक लेख में अपनी भावनाएं व्यक्त की थी। मेरा सौभाग्य है कि उनके जन्म शताब्दी वर्ष के इस आयोजन में मुझे शामिल होने का अवसर मिला।

उन्होंने कहा, भूपेन दा भारत की एकता और अखंडता के महानायक थे। दशकों पहले जब पूर्वोत्तर उपेक्षा का शिकार था, पूर्वोत्तर को हिंसा और अलगाववाद की आग में जलने के लिए छोड़ दिया गया था। तब भूपेन दा उस मुश्किल समय में भी भारत की एकता को आवाज देते रहे। उन्होंने समृद्ध पूर्वोत्तर का सपना देखा था, उन्होंने प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य में बसे पूर्वोत्तर के लिए गीत गाए थे।

आज भी लोगों को उर्जा देती है भूपेन हजारिका की आवाज: पीएम मोदी
मोदी ने कहा कि भूपेन हजारिका आज हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज आज भी लोगों को ऊर्जा देती है। उन्होंने बताया कि उनका संगीत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाता है और वह भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं में गहराई से जुड़े हुए थे।

‘हजारिका को भारत रत्न देकर किया पूर्वोत्तर का सम्मान’ :
उन्होंने कहा, एक सच्चे राष्ट्र भक्त के हृदय से निकली आवाज कभी निष्फल नहीं होती। आज पूर्वोत्तर को लेकर उनके सपनों को साकार करने के लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं। हमारी सरकार ने भूपेन दा को भारत रत्न देकर पूर्वोत्तर के सपनों और स्वाभिमान का सम्मान किया और पूर्वोत्तर को देश की प्राथमिकता भी बनाया। हमने देश के सबसे लंबे ब्रिज में से एक असम और अरूणाचल को जोड़ने वाला ब्रिज बनाया और उसका नाम भूपेन हजारिका ब्रिज रखा। आज असम और पूरा पूर्वोत्तर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। विकास के हर आयाम में नए रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं। विकास की ये उपलब्धियां देश की ओर से भूपेन दा को सच्ची श्रद्धांजलि है।

उन्होंने कहा, असम ने हमेशा देश के स्वाभिमान को स्वर दिया है। यही स्वर हमें भूपेन दा के गीतों में भी सुनाई देते हैं। जब 1962 का युद्ध हुआ तो असम उस लड़ाई को प्रत्यक्ष देख रहा था। तब भूपेन दा ने देश की प्रतिज्ञा को बुलंद किया था… उस प्रतिज्ञा ने देशवासियों में नया जोश भर दिया था।

असम के मुख्यमंत्री शर्मा ने इस मौके पर क्या कहा :
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि जब 2011 में भूपेन हजारिका का निधन हुआ था, तब असम की जनता चाहती थी कि प्रधानमंत्री अंतिम विदाई में शामिल हों। उन्होंने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उनकी 100वीं जयंती पर शामिल हुए और भूपेन दा को श्रद्धांजलि दी। सरमा ने कहा, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे बीच आए हैं और भूपेन दा को सम्मानित किया है। हम असमवासी इसे कभी नहीं भूलेंगे और हम प्रधानमंत्री को हमेशा इसी वजह से याद रखेंगे।

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