Navratri 2025 Day 3: आज नवरात्रि का तीसरा दिन, जानिए मां चंद्रघंटा का स्वरूप, आराधना मंत्र और पूजा का फल

थर्ड थर्ड न्यूज

नई दिल्ली I नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा का विशेष महत्व है। यह रूप शांति, साहस और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। बाघ पर सवार माँ का तेजस्वी रूप भक्तों को निर्भय बनाता है, वहीं उनका सौम्य स्वरूप शांति और सुख प्रदान करता है।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप
स्वर्ण के समान चमकते शरीर वाली मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है, जिससे इन्हें यह नाम प्राप्त हुआ। दस भुजाओं वाली देवी के हाथों में विभिन्न शस्त्र हैं और उनके गले में सफेद पुष्पों की माला रहती है। युद्ध के लिए सदा तत्पर होने पर भी इनका स्वरूप भक्तों के लिए करुणामयी और सौम्य है।

घंटे की ध्वनि से होती है रक्षा :
मां के घंटे की ध्वनि से दुष्ट, दैत्य और राक्षस भयभीत रहते हैं। यही ध्वनि भक्तों को प्रेत-बाधा और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखती है। विश्वास किया जाता है कि जैसे ही भक्त माँ का ध्यान करता है, वैसे ही यह दिव्य ध्वनि उसकी रक्षा के लिए गूंज उठती है।

साधना और आध्यात्मिक लाभ
मां चंद्रघंटा की साधना से साधक का मन ‘मणिपुर चक्र’ में प्रविष्ट होता है, जिससे उसे अलौकिक वस्तुओं का अनुभव होता है। ऐसे भक्त के शरीर से दिव्य प्रकाश का अदृश्य विकिरण प्रसारित होता है, जो आसपास के लोगों को भी शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

पूजा का महत्व और फल :
मां चंद्रघंटा की आराधना करने से भक्त को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का वरदान मिलता है। उनके आशीर्वाद से पाप और बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही साधक में साहस, निर्भयता, विनम्रता और सौम्यता का विकास होता है। उसके व्यक्तित्व में तेज, आकर्षण और मधुरता स्वतः बढ़ जाती है।

पूजा विधि और मंत्र :
इस दिन मां को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान कराकर पुष्प, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर अर्पित करें। केसर-दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाएं। सफेद कमल, लाल गुड़हल और गुलाब की माला चढ़ाना शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान भक्त यह मंत्र जपें।

“या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।”

“पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *