Asia Cup 2025: भारतीय सेना को अपनी मैच फीस दान करेंगे टी20 कप्तान सूर्यकुमार, पाकिस्तान से जीत के बाद एलान

थर्ड आई न्यूज
दुबई I भारतीय टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव एशिया कप के सभी मैचों की अपनी फीस भारतीय सेना को दान करेंगे। सूर्यकुमार ने यह एलान पाकिस्तान से एशिया कप फाइनल जीतने के बाद किया है। भारत ने रविवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में पाकिस्तान को पांच विकेट से करारी शिकस्त दी थी।
फाइनल मुकाबले में तिलक वर्मा ने शानदार अर्धशतक लगाया और संजू सैमसन व शिवम दुबे के साथ उपयोगी साझेदारी की, जिसकी बदौलत फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, जीत के साथ भारत ने अपना दूसरा टी20 अंतरराष्ट्रीय एशिया कप खिताब और एकदिवसीय संस्करण समेत कुल नौवां खिताब जीता।
भारतीय सेना को देना चाहता हूं सभी मैचों की फीस: सूर्यकुमार
पाकिस्तान को हराने के बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मैं इस टूर्नामेंट में खेले गए सभी मैचों की अपनी मैच फीस भारतीय सेना को देना चाहता हूं।’ हालांकि, मैच समाप्त होने के बाद पुरस्कार समारोह में भारत ने अपने पदक और ट्रॉफी नहीं ली, जिससे दर्शकों और खिलाड़ियों में निराशा देखने को मिली।
प्रजेंटरों ने बताया- भारत अपने पदक-ट्रॉफी नहीं लेगा :
तिलक वर्मा, अभिषेक शर्मा और पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा, न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर साइमन डूल के साथ मैच के बाद के साक्षात्कारों के बाद, प्रजेंटरों ने बताया कि भारत समारोह के दौरान अपने पदक या ट्रॉफी नहीं लेगा, और इस प्रकार समारोह समाप्त हो गया।
ट्रॉफी न मिलने पर कप्तान सूर्यकुमार ने जताई निराशा :
इस पर कप्तान सूर्यकुमार यादव ने निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी किसी चैंपियन टीम को ट्रॉफी से वंचित होते नहीं देखा। उन्होंने भारत के शानदार प्रदर्शन की भी प्रशंसा की और कहा कि वे वास्तव में इस ट्रॉफी के हकदार थे। सूर्यकुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘ऐसा मैंने अपने इतने वर्षों के क्रिकेट खेलने और उसका अनुसरण करने के दौरान कभी नहीं देखा। एक चैंपियन टीम को ट्रॉफी से वंचित कर दिया गया, और यह कड़ी मेहनत से अर्जित की गई थी। यह आसान नहीं था। हमने लगातार दो दिन दमदार मैच खेले। मुझे लगा कि हम वास्तव में इसके हकदार थे। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता।’ उन्होंने आगे कहा, अगर आप मुझसे ट्रॉफियों के बारे में पूछें, तो मेरे ड्रेसिंग रूम में 14 ट्रॉफियां हैं। खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ ही असली ट्रॉफियां हैं। मैं इस एशिया कप के पूरे सफर में उनका बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। यही वो असली यादें हैं जो मैं अपने साथ ले जा रहा हूं, और ये हमेशा मेरे साथ रहेंगी।