Bihar News : चुनाव में ‘महागठबंधन’ ने ठुकराया तो AIMIM ने की बड़ी तैयारी, 100 सीटों पर लगाया सियासी दांव

थर्ड आई न्यूज

पटना I बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी पारा गर्म है। देशभर की नजरें बिहार के चुनाव पर टिकी हुई हैं। इस बीच सबसे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बड़ा एलान किया है। पार्टी ने कहा है कि वह इस बार राज्य की लगभग 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह संख्या 2020 के पिछले चुनावों की तुलना में पांच गुना अधिक है।

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने दावा किया है कि वह बिहार की राजनीति में एक तीसरा विकल्प तैयार करने की दिशा में काम कर रही है, जहां अब तक मुकाबला मुख्य रूप से भाजपा-नीत एनडीए और कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन के बीच रहा है।

‘हमारा लक्ष्य 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का’ :
पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने से कहा, “हमारा लक्ष्य 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का है। एनडीए और महागठबंधन दोनों को हमारी मौजूदगी का अहसास होगा।” उन्होंने कहा कि 2020 में महागठबंधन ने एआईएमआईएम पर धर्मनिरपेक्ष वोटों को बांटने का आरोप लगाया था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं।

‘पत्र लिखकर गठबंधन की इच्छा जताई थी’ :
इमान ने कहा कि मैंने खुद आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर गठबंधन की इच्छा जताई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब हम अपने संगठन का विस्तार करेंगे और समान विचारधारा वाली पार्टियों से मिलकर तीसरे मोर्चे की संभावनाएं तलाश रहे हैं। कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

आरजेडी-कांग्रेस वाम मोर्चे को नुकसान पहुंचाया था :
अख्तरुल इमान ने से कहा कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने बसपा और उपेंद्र कुशवाहा की तत्कालीन रालोसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं और कई अन्य सीटों पर आरजेडी-कांग्रेस वाम मोर्चे को नुकसान पहुंचाया था।

मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने पर जोर :
हालांकि, 2022 में एआईएमआईएम के चार विधायकों ने आरजेडी का दामन थाम लिया था। फिलहाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ही एआईएमआईएम के एकमात्र विधायक हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एआईएमआईएम बिहार में मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। राज्य की आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व अपेक्षाकृत कम रहा है।

ओवैसी ने आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस पर मुस्लिम समुदाय की अनदेखी का आरोप लगाया था I
पिछले महीने असदुद्दीन ओवैसी चार दिवसीय दौरे पर सीमांचल क्षेत्र पहुंचे थे, जहां उन्होंने किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जिलों में जनसंपर्क किया। ये इलाके मुस्लिम बहुल माने जाते हैं। ओवैसी ने आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस पर मुस्लिम समुदाय की अनदेखी का आरोप लगाया है, जबकि विरोधी दल उन्हें भाजपा का “बी टीम” बताते हैं, जो धर्मनिरपेक्ष वोटों को बांटकर भाजपा को फायदा पहुंचाती है।

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