‘हमारी कोई भूमिका नहीं’: मुत्तकी की प्रेसवार्ता में महिलाओं को शामिल न किए जाने पर केंद्र; तालिबान की भी सफाई

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कांफ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी दलों ने इसे महिलाओं का अपमान बताया है। वहीं अब विपक्ष के इन आरोपों पर सरकार ने बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कांफ्रेंस में उसकी कोई भूमिका नहीं थी।

मंत्रालय ने बताया कि प्रेस कांफ्रेंस के लिए आमंत्रण मुंबई स्थित अफगानिस्तान के महावाणिज्य दूतावास के चुनिंदा पत्रकारों को भेजा गया था, जो मुत्तकी की यात्रा के दौरान दिल्ली में थे। मंत्रालय ने बताया कि अफगान दूतावास का क्षेत्र भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान दूतावास में आयोजित मुत्तकी की प्रेस कांफ्रेंस में महिलाएं शामिल नहीं हुईं थीं। दावा है कि कुछ महिला पत्रकारों को इसमें शामिल होने से रोका भी गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई पत्रकारों और विपक्षी नेताओं द्वारा इसे लेकर नाराजगी भी जाहिर की गई थी।

तालिबान की सफाई-जो कुछ हुआ अनजाने में हुआ :
महिला पत्रकार मामले में मचे बवाल के बीच तालिबान ने सफाई दी है कि जो कुछ भी हुआ, अनजाने में हुआ। तालिबान सुहैल शाहीन का कहना है, महिलाओं के खिलाफ भेदभाव वाली कोई नीति नहीं है। पास की संख्या सीमित थी, कुछ को मिला, कुछ को नहीं मिला। यह एक तकनीकी मामला था और इसे नीतिगत मुद्दे की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। भविष्य में इस बात को ध्यान रखा जाएगा।

विपक्षी कांगेस ने खड़े किए सवाल :
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता विपक्ष लोकसभा राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी जी, जब आप महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को यह बता रहे होते हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमजोर हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। इस तरह के भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों की खोखलेपन को उजागर करती है। यदि महिला अधिकारों की भाजपा सरकार की स्वीकृति केवल चुनावों के मध्य दिखावा नहीं है तो हमारे देश में जो अपनी महिलाओं को रीढ़ और गर्व मानते हैं, उन्होंने इस अपमान को कैसे स्वीकार किया।

भारत दौरे पर हैं अफगानिस्तान के विदेश मंत्री :
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आजकल भारत दौरे पर हैं। मुत्तकी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। लंबी बातचीत के बाद उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन किया, लेकिन इसमें महिला पत्रकारों को बाहर रखा। इसे लेकर प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी से सवाल किया कि संवाददाता सम्मेलन से महिला पत्रकारों को क्यों दूर रखा गया।

दरअसल शुक्रवार को मुत्तकी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन किया और तालिबान अधिकारियों ने महिला पत्रकारों को इस सम्मेलन से दूर रखा। इसे लेकर भारतीय अधिकारियों ने अफगान दल को सुझाव दिया था कि इस कार्यक्रम में महिला पत्रकारों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए। किंतु तालिबान अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया।

महिला अधिकारों को दबाने के लिए पहले ही आरोपों के घेरे में है अफगानिस्तान :
बता दें कि तालिबान शासन को अफगानिस्तान में महिला अधिकारों को लेकर प्रतिबंध लगाने के लिए विभिन्न देशों के साथ साथ संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संस्थाओं की ओर से भी कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस वार्ता के दौरान भी मुत्तकी ने अफगानिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा पर पूछे गए सीधे सवाल को टाल दिया। उन्होंने कहा कि हर देश के अपने रीति-रिवाज, कानून और सिद्धांत होते हैं और उनका पूरा सम्मान किया जाना चाहिए।

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