Dhanteras: धनतेरस पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की हो सकती है खरीदारी, स्वदेशी उत्पादों की बढ़ी मांग

थर्ड आई न्यूज
नई दिल्ली l धनतेरस पर भारी खरीदारी से कारोबार एक लाख करोड़ रुपये के पार जाने की उम्मीद है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने यह अनुमान लगाया है। इसमें अकेले सोने और चांदी की ब्रिकी देश भर में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी।
धनतेरस का महत्व :
व्यापार मंडल ने कहा कि भारत में प्रत्येक त्योहार का अपना विशेष महत्व है, लेकिन धनतेरस का एक अनूठा और शुभ स्थान है। इस दिन, देश भर में लोग पारंपरिक रूप से सोना, चांदी, बर्तन, रसोई के सामान, वाहन, झाडू, इलेक्ट्रॉनिक और बिजली के सामान, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां, मिट्टी के दीपक और अन्य पूजा सामग्री खरीदते हैं। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि धनतेरस पर तांबे, चांदी या स्टील से बने नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, जो पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिन झाडू खरीदने से गरीबी और नकारात्मकता दूर होती है और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आधुनिक समय में लोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी खरीदते हैं, जिन्हें अक्सर प्रगति और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
सोने-चांदी के बाजारों में भारी भीड़ :
सीएआईटी के आभूषण चैप्टर, ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा के अनुसार पिछले दो दिनों में आभूषण बाजारों में भारी भीड़ देखी गई है। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, अकेले सोने और चांदी का व्यापार 60,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जबकि दिल्ली के सर्राफा बाजारों में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री दर्ज की गई, जो पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी की वृद्धि है।
पिछले साल सोने की कीमत लगभग 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जबकि इस साल यह 1,30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गई है, यानी लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि। इसी तरह, चांदी की कीमतें 2024 में 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1,80,000 रुपये हो गई हैं।
हल्के आभूषणों पर जोर :
सीएआईटी के अनुसार, तीव्र वृद्धि के बावजूद, उपभोक्ताओं ने सोना और चांदी खरीदना जारी रखा है, क्योंकि उन्हें निवेश का सबसे सुरक्षित रूप माना जाता है। वहीं नियमित ग्राहकों ने इस सीजन में हल्के आभूषणों को प्राथमिकता दी है।
कई क्षेत्रों में हुई रिकॉर्ड तोड़ बिक्री :
सीएआईटी ने यह भी साझा किया कि इस वर्ष धनतेरस पर कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री देखी गई बर्तन और रसोई के सामान 15,000 करोड़ रुपये और इलेक्ट्रिकल सामान 10,000 करोड़ रुपये, सजावटी सामान, लैंप और पूजा सामग्री 3,000 करोड़ रुपये, और सूखे मेवे, मिठाई, फल, कपड़ा, वाहन और विविध वस्तुएं 12,000 करोड़ रुपये।
उपभोक्ता दे रहे स्वदेशी सामानों को प्राथमिकता :
सीएआईटी ने यह भी बताया कि इस वर्ष त्योहारी व्यापार में तेज वृद्धि मुख्य रूप से जीएसटी दरों में कटौती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अपनाओ अभियान के प्रभाव के कारण है। उपभोक्ता स्थानीय स्तर पर निर्मित भारतीय उत्पादों के प्रति प्राथमिकता दिखा रहे हैं। इससे देश भर के छोटे व्यापारियों, कारीगरों और निर्माताओं को लाभ हो रहा है।