Diwali Lakshmi Puja: इस दीपावली कब है लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, एक क्लिक में जानें सभी डिटेल्स

थर्ड आई न्यूज
नई दिल्ली I हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को विघ्नहर्ता श्रीगणेश और धन-ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम असुरों का संहार करके अयोध्या वापस लौटे थे। तब उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने दीपोत्सव किया था। दिवाली का दिन मां लक्ष्मी के स्वागत का दिन होता है। इस दिन चारों ओर प्रकाश फैलाकर सकारात्मकता के साथ महालक्ष्मी से सुख-समृद्धि और सम्पन्ना की कामना की जाती है। शक्ति आराधना यानि काली पूजा के लिए भी कार्तिक अमावस्या तिथि को सर्वोपरि माना गया है। तो आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी पूजन कैसे करना चाहिए।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त :
पंचांग के मुताबिक हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन घरों को विशेष रूप से दीयों और रंगीन लाइटों से सजाया जाता है। दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के पूजा का विशेष महत्व होता है।
वैदिक पंचांग के मुताबिक दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्तूबर 2025 की शाम 07:08 मिनट से लेकर 08:18 मिनट तक रहेगा। ऐसे में लक्ष्मी पूजन के लिए 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे अच्छा समय अमावस्या तिथि, प्रदोष काल और स्थिर लग्न को माना जाता है।
लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि :
दीपावली पर प्रदोष वेला से लेकर पिशाच वेला के आरंभ से पहले तक लक्ष्मी पूजा का विधान है। पिशाच वेला रात्रि 02 बजे शुरू होती है। दिवाली के दिन प्रदोष काल, स्थानीय सूर्यास्त से 72 मिनट पहले से लेकर 72 मिनट बाद तक की वेला को प्रदोष वेला माना जाता है। इस दिन स्नान आदि करके घर के पूजास्थल को साफ करें। फिर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, कुबेर, श्रीयंत्र और नवग्रह यंत्र स्थापित करें। लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति नई होनी चाहिए।
इसके बाद पूजा में श्रद्धा से नैवेद्य अर्पित करें और कमल का पुष्प और आंवले को अर्पित करें। मां लक्ष्मी को श्रृंगार का सामान, रोली, हल्दी, लाल चंदन, लौंग, अक्षत, इलायची, पान, सुपारी, फल, शहद, मिष्ठान, नारियल, गंगाजल और कलश आदि सामग्री पूजा स्थल पर अपने साथ लेकर बैठें। फिर विधि-विधान से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें। पूजा के साथ ही मां लक्ष्मी के मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ का जाप करें।