बिहार चुनाव: एग्जिट पोल और मीडिया में प्रचार को लेकर सख्ती, चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी
थर्ड आई न्यूज
नई दिल्ली l निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और संबंधित उपचुनाव के दौरान प्रचार समाप्ति के बाद की मौन अवधि (Silence Period) में एग्जिट पोल और चुनावी सामग्री पर प्रतिबंध को लेकर एक बार फिर एडवाइजरी जारी की है. आयोग ने कहा है कि मतदान के पहले और दौरान किसी भी तरह का चुनावी प्रचार, एग्जिट पोल या उनके नतीजों का प्रसार कानून के तहत सख्त वर्जित है.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे. पहला चरण 6 नवंबर 2025 को और दूसरा चरण 11 नवंबर 2025 को. पहले चरण के लिए प्रचार 4 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 9 नवंबर तक ही अनुमति है. इसके बाद मतदाताओं के निर्णय पर प्रभाव डालने वाले किसी भी प्रचार पर रोक लग जाएगी.
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 (1) (बी) के अनुसार, मतदान क्षेत्र में 48 घंटे की मौन अवधि के दौरान, टेलीविजन, रेडियो, केबल नेटवर्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट माध्यमों पर किसी भी प्रकार की चुनावी सामग्री या विचार/अपील नहीं दिखाई जा सकती. इसका उद्देश्य मतदाता के स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्णय को सुनिश्चित करना है.
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि टीवी/रेडियो चैनलों और केबल नेटवर्क को यह सुनिश्चित करना होगा कि मौन अवधि में प्रसारित कार्यक्रमों में पैनलिस्ट या प्रतिभागियों के विचार या अपील शामिल न हों, जिससे किसी पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में पूर्वाग्रह पैदा हो. इसमें जनमत सर्वेक्षण और एग्जिट पोल के परिणाम भी शामिल हैं.
एग्जिट पोल पर भी इस समय तक रोक :
विशेष रूप से आयोग ने अधिसूचित किया है कि 6 नवंबर, 2025 सुबह 7:00 बजे से 11 नवंबर, 2025 शाम 6:30 बजे तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एग्जिट पोल का संचालन और उनके नतीजों का प्रसारण पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा. उल्लंघन करने पर दो वर्ष तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
आयोग ने सभी मीडिया संस्थानों को चेतावनी दी है कि वे इस नियम का पालन करें और किसी भी प्रकार का ऐसा कंटेंट प्रसारित न करें, जिससे मतदाताओं के विचार प्रभावित हों. आयोग ने दोहराया कि मौन अवधि में किसी पार्टी या उम्मीदवार को बढ़ावा देने वाले विचारों या अपील को प्रदर्शित करना भी कानून का उल्लंघन होगा.

