भय और धमकी के जरिए वीर लचित सेना ने खड़ा किया उगाही साम्राज्य, फैंसी बाजार के बड़े व्यापारी को ब्लैकमेल करने का आरोप
थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी, 27 अक्टूबर 2025 I
वीर लचित सेना के मुख्य सचिव और वरिष्ठ नेता रंतु पाणिफुकन को सोमवार को असम पुलिस ने उस समय हिरासत में लिया, जब वे गुवाहाटी के जीएस रोड स्थित होटल अपोलो ग्रैंड में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
गुवाहाटी पुलिस ने पुष्टि की है कि अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रतिक्षा अस्पताल (बोरबारी) के बाहर हुई हालिया अपहरण की घटना ने असम में राष्ट्रवादी गतिविधियों के नाम पर चल रहे एक बड़े उगाही नेटवर्क की गहरी जांच का रास्ता खोल दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, गुवाहाटी पुलिस अधिकारियों और प्रतिद्वंद्वी संगठनों ने आरोप लगाया है कि वीर लचित सेना धमकियों, डराने-धमकाने और झूठे दान अपील के जरिए व्यक्तियों और व्यापारियों से व्यवस्थित रूप से पैसे वसूल रही थी।
गुवाहाटी के उप पुलिस आयुक्त (पूर्व) मृणाल डेका ने सोमवार को बताया कि रविवार रात बोरबारी में प्रतिक्षा अस्पताल के बाहर हुई अपहरण की घटना के सिलसिले में अब तक आठ लोग गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से पांच वीर लचित सेना के सदस्य हैं।
गिरफ्तार लोगों में बिराज बल्लभ कलिता भी शामिल हैं, जो वर्तमान में वीर लचित सेना के गुवाहाटी इकाई के शिक्षा सचिव हैं। पुलिस ने दो भूमि दलालों को भी पकड़ा है, जिन पर अपराध की साजिश रचने का संदेह है। एक अन्य आरोपी बिस्वजीत दोलै को 2014 में एक डकैती मामले में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
डीसीपी डेका ने आगे खुलासा किया कि जांच के दौरान बरामद उगाही के नोटों पर बिकाश असम (वीर लचित सेना, कामरूप मेट्रो इकाई के मुख्य सचिव) के हस्ताक्षर मिले हैं, जिससे उनकी संलिप्तता का संदेह है। पुलिस का मानना है कि बिकाश असम ही वीर लचित सेना के धन संग्रह नेटवर्क के पीछे मुख्य संचालक हो सकते हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि चंदे के नाम पर व्यापारियों से जबरन दान वसूला जा रहा है I इसके लिए जनसेवा के नाम पर झूठी अपील का सहारा लिया जा रहा है। जांचकर्ताओं को संदेह है कि ये धन कभी सामाजिक कार्यों में नहीं लगे, बल्कि वीर लचित सेना के संचालकों द्वारा धन शोधन किया गया।
उधर मिली जानकारी के अनुसार फैंसी बाजार के एक बड़े व्यापारी को ब्लैकमेल कर वीर लाचित द्वारा उनसे कथित रूप से मोटी रकम वसूली गई है I बहरहाल इस संगठन की गतिविधियों के खिलाफ जांच जारी है और पुलिस सूत्रों के अनुसार और गिरफ्तारियां संभव हैं।
मुख्यमंत्री का बयान :
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि “जरूरत पड़ी तो वीर लचित सेना की गैरकानूनी गतिविधियों के कारण इस संगठन पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि यह संगठन अब अल्फा की तर्ज पर धन वसूली कर रहा है I उन्होंने कहा कि किसी को भी राज्य में व्यापार-वाणिज्य का माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी I

