भारतीय औद्योगिक मेला (IIF) 2025 – “उद्यम” का सफल समापन, असम के औद्योगिक विकास में खुला एक नया अध्याय
थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी I लघु उद्योग भारती (पूर्वोत्तर प्रांत) द्वारा आयोजित 13वां इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर (IIF) – “उद्यम 2025” आज गुवाहाटी के खानापाड़ा स्थित पशु चिकित्सा महाविद्यालय के खेल मैदान में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। चार दिवसीय यह आयोजन असम के मुख्यमंत्री और उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री के संरक्षण में हुआ और पूर्वोत्तर के औद्योगिक, तकनीकी तथा उद्यमशीलता जगत को एक साझा मंच पर जोड़ने में ऐतिहासिक साबित हुआ।
औद्योगिक विविधता का संगम :
मेले में फूड प्रोसेसिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, पैकेजिंग, रबर, वेस्ट मैनेजमेंट, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और आयुर्वेद जैसे क्षेत्रों के 300 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे, जो असम और पूर्वोत्तर की औद्योगिक क्षमता का जीवंत परिचय देते हैं।
लघु उद्योग भारती (पूर्वोत्तर प्रांत) के अध्यक्ष पार्थ प्रतिम पाठक ने कहा,
“आईआईएफ-2025 उद्यमियों, नवाचार और उद्योगों को जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा है। इस मंच का उद्देश्य स्थानीय एमएसएमई को सशक्त बनाना और युवाओं को आत्मनिर्भर असम और भारत के निर्माण में प्रेरित करना है।”
शिक्षा-उद्योग सहयोग की दिशा में बड़ा कदम :
इस आयोजन की विशेष उपलब्धि रही – असम सरकार के तकनीकी शिक्षा निदेशालय (DTE) और लघु उद्योग भारती (पूर्वोत्तर प्रांत) के बीच एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर। इस समझौते के तहत इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के विद्यार्थियों को असम और पूर्वोत्तर के 850 से अधिक उद्योगों में इंटर्नशिप, इंडस्ट्रियल विजिट्स और लाइव प्रोजेक्ट्स करने का अवसर मिलेगा।
लघु उद्योग भारती के महासचिव प्रमोद कुमार मौर ने कहा,
“यह एमओयू युवाओं को व्यवहारिक औद्योगिक अनुभव प्राप्त करने का मौका देगा, जिससे वे ‘जॉब सीकर्स’ नहीं, बल्कि ‘जॉब क्रिएटर्स’ बनेंगे।”
उन्होंने असम सरकार और केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री के मार्गदर्शन व सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

नवाचार, प्रौद्योगिकी और महिला उद्यमिता पर केंद्रित संगोष्ठियाँ :
मेले में एआई, सेमीकंडक्टर, बैंकिंग, पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण जैसे विषयों पर संगोष्ठियों का आयोजन हुआ। इन सत्रों ने युवाओं, छात्रों और नए उद्यमियों को आधुनिक औद्योगिक प्रवृत्तियों और बाजार की आवश्यकताओं से परिचित कराया।
महिला उद्यमियों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई “संयमसिद्ध” पहल को भी उल्लेखनीय सफलता मिली, जिसने इस आयोजन को और अधिक समावेशी और प्रेरक बना दिया।
पूर्वोत्तर में औद्योगिक एकता और विस्तार की योजना :
लघु उद्योग भारती अब इस पहल को पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में विस्तारित करने की योजना बना रही है, ताकि क्षेत्रीय औद्योगिक एकीकरण, रोजगार सृजन और सतत विकास को और गति दी जा सके।

