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असम सरकार के आश्वासन के बाद कार्बी संगठनों ने समाप्त की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी: स्वदेशी भूमि अधिकारों की सुरक्षा की मांग को लेकर 6 दिसंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे कार्बी समुदाय के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। यह जानकारी असम सरकार के कैबिनेट मंत्री रनोज पेगू ने दी।

इस संबंध में जानकारी देते हुए मंत्री रनोज पेगू ने बताया कि भूख हड़ताल पर बैठे कार्बी प्रतिनिधियों की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ने की सूचना मिलने के बाद सरकार ने उनसे बातचीत की। चर्चा के बाद प्रदर्शनकारियों से उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की गई, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

रनोज पेगू ने कहा, “कार्बी समुदाय द्वारा उठाए गए मुद्दे, विशेषकर भूमि अधिकारों और स्वदेशी हितों की सुरक्षा से जुड़े सवाल गंभीर हैं और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना आवश्यक है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इन समस्याओं का जिम्मेदारीपूर्वक समाधान किया जाएगा।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्बी आंगलोंग में भूमि प्रशासन संवैधानिक रूप से कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) के अधिकार क्षेत्र में आता है। भूमि राजस्व से जुड़े मामलों का निपटारा परिषद द्वारा किया जाता है और राज्य सरकार का इन क्षेत्रों पर प्रत्यक्ष प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है।

हालांकि मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि हाल के वर्षों में उन जमीनों को लेकर विवाद और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है, जिन्हें आधिकारिक रूप से न तो प्रोफेशनल ग्रेज़िंग रिज़र्व (PGR) और न ही विलेज ग्रेज़िंग रिज़र्व (VGR) के रूप में चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे ग्रेटर कार्बी आंगलोंग और कार्बी पहचान से जुड़े व्यापक विषयों से भी संबंधित हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंत्री रनोज पेगू ने असम सरकार से आग्रह किया कि प्रदर्शनकारियों के साथ शीघ्र बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने कहा, “मेरे अनुरोध के बाद प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल समाप्त करने पर सहमति जताई है। सरकार सभी संबंधित पक्षों के साथ औपचारिक बैठक कर मांगों पर चर्चा करेगी और एक स्थायी एवं न्यायसंगत समाधान निकालने का प्रयास करेगी।”

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