कार्बी आंगलोंग संकट पर कांग्रेस का हमला, छठी अनुसूची की रक्षा में KAAC और भाजपा सरकार विफल- मीरा बोरठाकुर
थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी I पिछले दो दिनों से असम का पश्चिमी कार्बी आंगलोंग उबाल पर है। 22 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने डोंकामुकाम में कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) के प्रमुख तुलिराम रोंगहांग के आवास को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद इलाके में धारा 163 लागू की गई और असम सरकार के मंत्री रनोज पेगू ने आज स्थिति का जायजा लिया।
हालांकि, हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। बड़ी संख्या में कार्बी और गैर-कार्बी लोग हाथों में लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे स्थिति अत्यंत संवेदनशील बनी हुई है।
इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और असम महिला कांग्रेस की अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर ने कहा कि तुलिराम रोंगहांग को शासन में विफलता और स्वदेशी कार्बी लोगों की सुरक्षा न कर पाने की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
मीरा बोरठाकुर ने आरोप लगाया कि, “समस्या की जड़ असम के स्वदेशी समुदायों के हितों की रक्षा के प्रति भाजपा का घोर अनादर है, जो संविधान में निहित है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह उल्लेखनीय है कि संविधान हर भारतीय नागरिक को देश में कहीं भी रहने का अधिकार देता है। लेकिन वही संविधान छठी अनुसूची के तहत विशेष प्रावधान भी करता है, जिसके अंतर्गत कार्बी आंगलोंग आता है। इसकी रक्षा की जिम्मेदारी सरकार और परिषद दोनों की है, जिसमें वे पूरी तरह विफल रहे हैं।”
गोपीनाथ बोरदोलोई का अपमान:
मीरा बोरठाकुर ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी भारत रत्न गोपीनाथ बोरदोलोई के नाम पर घिनौनी राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा,
“कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि भाजपा ने जितना गोपीनाथ बोरदोलोई का सम्मान किया है, उतना किसी ने नहीं किया। लेकिन सच्चाई यह है कि छठी अनुसूची स्वयं बोरदोलोई की राजनीतिक सोच को दर्शाती है। इस संवैधानिक प्रावधान की रक्षा न करना बोरदोलोई का अपमान है और यह असम की राजनीति के महान नेता के प्रति घोर अनादर है।”
भूमि विवाद पर बोलते हुए बोरठाकुर ने आरोप लगाया,
“सरकार और परिषद मिलकर हजारों-लाखों बीघा जमीन कॉरपोरेट घरानों, जिनमें अडानी भी शामिल हैं, को देने की योजना बना रही है। छठी अनुसूची क्षेत्र में यह कैसे संभव है? यह संविधान का खुला उल्लंघन और गोपीनाथ बोरदोलोई का घोर अपमान है।”
अंत में शांति बनाए रखने की अपील करते हुए मीरा बोरठाकुर ने कहा कि कांग्रेस संविधानिक प्रावधानों के तहत छठी अनुसूची को पूरी तरह लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

