असमिया परंपरा में रमे श्री बांके बिहारी: मूंगा सिल्क परिधान में दिए दिव्य दर्शन

थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी । असमिया नव वर्ष और बोहाग बिहू के पावन अवसर पर वृंदावन स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में आज एक ऐतिहासिक और हर्षोल्लास से भरा दृश्य देखने को मिला। भगवान श्री बांके बिहारी जी ने इस विशेष दिन पर असमिया मूंगा सिल्क से बना पारंपरिक परिधान धारण कर असमवासियों को आनंद और गर्व से भर दिया। साथ ही प्रभु ने पारंपरिक असमिया गमछा भी गले में धारण किया।
प्रभु की इस अनुपम छवि के दर्शन के लिए सुबह से ही लाखों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भगवान को पहली बार असमिया पारंपरिक पोशाक में देखकर भक्तजन अभिभूत हो उठे। मूंगा और पाट रेशम से निर्मित वस्त्रों में श्री बिहारी जी की छवि अलौकिक, मनोहारी और अत्यंत आकर्षक प्रतीत हो रही थी।
यह विशिष्ट सेवा गुवाहाटी के छह माइल निवासी श्री आत्माराम गर्ग और उनके परिवार की ओर से अर्पित की गई थी। प्रभु को नव वर्ष और बिहू के पावन अवसर पर इस रूप में देखकर असम के श्रद्धालु स्वयं को गौरवान्वित और कृतज्ञ अनुभव कर रहे हैं।
इस दृश्य ने न केवल असम बल्कि देशभर के भक्तों के हृदय को छू लिया। कई प्रमुख समाचार पत्रों और ऑनलाइन पोर्टलों ने इस अनूठी पहल को रविवार को ही प्रमुखता से प्रकाशित किया।
यह अवसर असमिया संस्कृति, आस्था और परंपरा के गौरवशाली संगम का प्रतीक बन गया, जिसे लंबे समय तक श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाएगा।