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धुबड़ी में अडाणी समूह का 20,000 करोड़ का निवेश: चापर में बनेगा असम का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट,मुख्यमंत्री ने किया भूमि निरीक्षण

थर्ड आई न्यूज

धुबड़ी से रविन्द्र तोदी

‘एडवांटेज असम 2.0’ अभियान के तहत धुबड़ी जिले में औद्योगिक क्रांति की नई पटकथा लिखी जा रही है। चापर के समीप चिराकुटा–चरुआ बाकरा क्षेत्र में अडाणी समूह 20,000 करोड़ रुपये की लागत से असम का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने जा रहा है। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना का भूमि निरीक्षण गुरुवार को स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने किया और निर्माण कार्य की तैयारियों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह पावर प्लांट असम को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा और क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को अभूतपूर्व गति देगा। लगभग 3300 बीघा भूमि पर फैली इस परियोजना से प्रत्यक्ष रूप से 25,000 लोगों को निर्माण कार्य के दौरान रोजगार मिलेगा, जबकि परियोजना चालू होने के बाद 10,000 से अधिक लोगों को स्थायी रोजगार प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अडाणी समूह का यह निवेश असम के औद्योगिक मानचित्र पर एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा। उन्होंने कहा, “जैसे जागीरोड में टाटा ने 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, वैसे ही यहां 20,000 करोड़ रुपये का यह प्रकल्प राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।” उन्होंने विश्वास जताया कि जिस प्रकार जागीरोड के निवासियों ने विकास में सहयोग दिया, उसी भावना से धुबड़ी के लोग भी इस पहल का समर्थन करेंगे।

भूमि अधिग्रहण पर नहीं है कोई बाधा:
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भूमि अधिग्रहण को लेकर कोई बड़ी समस्या नहीं है। कुछ स्थानीय निवासियों को पुनर्वास हेतु बिलासीपाड़ा या आसपास के क्षेत्रों में वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए जा चुके हैं।

अडाणी समूह की सक्रियता:
सूत्रों के अनुसार, इस परियोजना के सिलसिले में हाल ही में अडाणी समूह के निदेशक जीत अडाणी के नेतृत्व में कंपनी प्रतिनिधियों ने स्थल का निरीक्षण किया था। परियोजना क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति—सड़क, रेलवे और गौरांग नदी से निकटता—इसे लॉजिस्टिक के दृष्टिकोण से भी अत्यंत उपयुक्त बनाती है।

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धुबड़ी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि भाजपा के मात्र चार वर्षों के कार्यकाल ने कांग्रेस के 15 वर्षों के शासन से कहीं अधिक विकास कार्य किए हैं। उन्होंने कहा, “अब जनता धर्म के नाम पर राजनीति नहीं चाहती। इस बार 90–100% अल्पसंख्यक आबादी वाले आठ जिला परिषद सीटों पर भाजपा की जीत इस बदलाव का प्रमाण है।”

उन्होंने कांग्रेस पर ‘अरुणोदय’ जैसी कल्याणकारी योजनाएं बंद कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता अब इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। पंचायत चुनाव का परिणाम केवल शुरुआत है, आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की सुनामी आने वाली है — और राज्य के कोने-कोने में सिर्फ भाजपा ही नजर आएगी।

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