पिंकी दास प्रकरण ने लिया चौंकाने वाला मोड़ – मृत घोषित की गई युवती गुवाहाटी से जीवित बरामद

थर्ड आई न्यूज
नगांव से जयप्रकाश सिंह एक्सक्लूसिव
नगांव जिले के रोहा पश्चिम दिघलीदरी की युवती पिंकी दास की रहस्यमय “हत्या” के मामले ने आज एक नाटकीय और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया, जब पुलिस ने उसे गुवाहाटी से जीवित अवस्था में बरामद कर लिया। जिस युवती के शव की पहचान पिंकी दास के रूप में कर उसके परिवार ने अंतिम संस्कार किया था, वह असल में कोई और निकली।
मामला कैसे शुरू हुआ?
11 जून की रात पिंकी दास किसी पारिवारिक विवाद के चलते नाराज़ होकर अपने घर से निकल गई थी। वह एक ट्रक से गुवाहाटी पहुँची, जिसका चालक उत्तर प्रदेश का राहुल सिंह था। गुवाहाटी के आईएसबीटी में उतरने के बाद पिंकी दो दिन तक वहाँ के दो कर्मचारियों – नंदन किशोर और धीरज कुमार – के साथ रही। इसके बाद वह पंपी दलै नामक एक महिला के घर चली गई, जिसका भाई समरजीत दलै एक ऑटो चालक है। उसी ने पिंकी को अकेली देखकर अपने घर लाकर पनाह दी।
पिंकी ने उस दौरान अपने मोबाइल फोन का उपयोग नहीं किया, जिससे उसका कोई संपर्क नहीं हो सका। उसके परिवार ने रोहा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शव मिलने के बाद नया मोड़ :
16 जून को नगांव शहर के डिफलु शिव मंदिर के पास एक अज्ञात युवती का शव मिला। उसके परिजनों ने शव की पहचान पिंकी दास के रूप में की और उसका पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी और व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए।
पुलिस ने इस कथित “हत्या” के आरोप में तीन युवकों – आबू हनीफ, आमिर हाजमा और अजिजुल हक – को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस का खुलासा और जीवित पिंकी की वापसी :
आज एक पत्रकार सम्मेलन में नगांव के पुलिस अधीक्षक स्वप्ननिल डेका ने खुलासा किया कि पिंकी दास जीवित मिली है। पुलिस ने गुवाहाटी से पिंकी, ट्रक चालक राहुल सिंह, और आईएसबीटी के दोनों कर्मचारियों को गिरफ्तार कर नगांव सदर थाना लाया है। इन सभी से गहन पूछताछ जारी है।
अब नया सवाल: डिफलु से बरामद किया गया शव किसका था?
पिंकी दास को मृत मानकर जिस युवती का अंतिम संस्कार किया गया, वह असल में कौन थी? यह अब जांच का मुख्य विषय बन गया है। पुलिस का कहना है कि अज्ञात शव की पहचान और मौत की परिस्थितियों को लेकर जांच तेज़ कर दी गई है।