श्रद्धा और सेवा का संगम: हरखाड गुढ़ियारी में आरंभ हुआ 26वां कावड़िया सेवा शिविर

थर्ड आई न्यूज

हरखाड गुढ़ियारी, बांका (बिहार) । श्रावणी मेला के अवसर पर बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ धाम की पवित्र पदयात्रा पर निकले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए असम धर्मशाला, हरखाड गुढ़ियारी में 26वां कावड़िया सेवा शिविर अत्यंत भव्यता और सेवा भावना के साथ आरंभ हो चुका है। देवघर से 16 किलोमीटर पहले मुख्य पैदल मार्ग पर स्थित यह धर्मशाला बीते 25 वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए सेवा का प्रमुख केंद्र बनी हुई है।

करीब 1 लाख वर्गफुट क्षेत्र में फैले इस शिविर में प्रतिदिन 3,000 से 4,000 कांवड़िए रात्रि विश्राम करते हैं, जबकि 50 से 70 वाहन परिसर में पार्क किए जाते हैं। यहां की सभी सुविधाएं पूर्णतः निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। रात्रि विश्राम के लिए उत्तम व्यवस्था के साथ पुरुष और महिलाओं के लिए पृथक 50 शौचालय और 50 स्नानगृह निर्मित हैं, जिनमें एक साथ 50 कांवड़िए स्नान कर सकते हैं।

शिविर में 24 घंटे बिजली और पानी की सुविधा उपलब्ध है। विद्युत आपूर्ति में बाधा आने पर 120 केबी का जनरेटर सेट कार्यरत रहता है। साथ ही, चिकित्सा सेवा के लिए दो अनुभवी डॉक्टरों की टीम नियमित रूप से उपलब्ध है, जो निःशुल्क जांच एवं दवाइयों का वितरण करती है।

नींबू चाय, शिकंजी, सत्तू पेय और मालिश सेवा हेतु इलेक्ट्रॉनिक मशीनें 24 घंटे चालू रहती हैं। साथ ही शुद्ध पेयजल और हवादार वातावरण यात्रियों को विशेष राहत प्रदान करता है।

यह संपूर्ण सेवा व्यवस्था असम सहित देश के विभिन्न राज्यों के दानदाताओं के सहयोग और प्रेरणा से संचालित होती है। बैद्यनाथ आसाम कावड़िया सेवा समिति ने सभी समर्पित दानदाताओं और सेवाभावी कार्यकर्ताओं को कोटिशः नमन किया है, जिनके सहयोग से यह आयोजन निरंतर सफल होता आ रहा है।

इस शिविर की संपूर्ण व्यवस्था असम से आए सेवादारों द्वारा 45 दिन पूर्व से तैयार की जाती है। ये सेवादार दिन-रात सेवा में जुटे रहते हैं और विशेष रूप से डाक बम कांवड़ियों की सेवा भी अत्यंत श्रद्धाभाव से करते हैं।

असम धर्मशाला के अथक प्रयासों और समर्पित सेवा भावना से यह शिविर आज श्रद्धालुओं के लिए न केवल विश्राम का स्थल बल्कि श्रद्धा, सेवा और समर्पण का एक सशक्त प्रतीक बन गया है।

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