Tariff War: ‘किसानों और छोटे उत्पादकों के हित से समझौता नहीं होगा’, अमेरिका के साथ व्यापार पर बोले जयशंकर

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ता में कुछ ‘रेड लाइन्स’ तय किए हुए हैं। रेड लाइन्स मतलब एक ऐसी सीमा, जिसके पार कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कार्यक्रम में विदश मंत्री ने आगे बोलते हुए कहा कि सरकार किसानों व छोटे उत्पादकों के हितों से किसी भी हाल में समझौता नहीं करेगी। उन्होंने साफ कहा कि यह हमारे लिए न सिर्फ आर्थिक, बल्कि सामाजिक सरोकारों से जुड़ा मुद्दा है और यही वार्ता में भारत की मूल प्राथमिकता है।

आर्थिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में बोलते हुए जयशंकर ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। लेकिन इस वार्ता की सफलता या असफलता इस पर निर्भर करेगी कि भारत अपनी शर्तों पर कितना कायम रहता है। उन्होंने कहा कि हमारी ‘रेड लाइन्स’ किसानों और छोटे उत्पादकों से जुड़ी हैं, और सरकार का संकल्प है कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी।

ट्रंप की विदेश नीति पर टिप्पणी
जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार्यशैली पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ट्रंप जिस तरह से विदेश नीति को सार्वजनिक तौर पर चलाते हैं, वह पहले कभी नहीं देखा गया। यह परंपरागत अमेरिकी नीति से बड़ा बदलाव है और पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है। उन्होंने जोड़ा कि यह बदलाव केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर असर डाल रहा है।

व्यापार विवाद और रूसी तेल का मुद्दा :
भारत-अमेरिका संबंधों में हाल ही में तनाव तब बढ़ा जब ट्रंप ने भारतीय सामान पर शुल्क दोगुना कर दिया। इसके अलावा, रूस से भारत द्वारा सस्ता कच्चा तेल खरीदने और उसे यूरोप व अन्य जगहों पर बेचने को लेकर भी अमेरिका ने आरोप लगाए। इस पर जयशंकर ने कहा कि अमेरिका का यह आरोप बेहद अजीब है, क्योंकि अगर उन्हें भारतीय तेल या पेट्रोलियम उत्पाद पसंद नहीं, तो वे खरीदें ही नहीं। उन्होंने कहा कि भारत किसी को खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता, लेकिन अमेरिका और यूरोप खुद खरीदते हैं।

भारत-चीन संबंधों पर सफाई :
जयशंकर ने इस धारणा को भी खारिज किया कि अमेरिका से तनाव के बीच भारत-चीन संबंध बेहतर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों रिश्तों को जोड़कर देखना गलत विश्लेषण है। भारत अपने पड़ोसी चीन से जुड़ी चुनौतियों को अलग ढंग से देखता है और इसका अमेरिकी व्यापार वार्ता से कोई लेना-देना नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *