ऋषि पंचमी पर माहेश्वरी समाज ने निभाई रक्षाबंधन की सनातनी परंपरा, बहनों ने भाईयों को बांधा रक्षा-सूत्र

थर्ड आई न्यूज़

गुवाहाटी, 28 अगस्त। भाद्रपद शुक्ल पंचमी, जिसे ऋषि पंचमी के रूप में जाना जाता है, पर माहेश्वरी समाज ने आज अपनी पुरातन परंपरा का निर्वहन करते हुए रक्षाबंधन पर्व को भक्तिपूर्वक और सांस्कृतिक गरिमा के साथ मनाया। समाज की बहनों और बेटियों ने आज अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र बांधकर न केवल आत्मीयता का प्रदर्शन किया, बल्कि ऋषियों से प्राप्त संरक्षण सूत्र को भी स्मरण किया।

माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष सीताराम बिहानी ने समाज को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए बताया कि यह परंपरा युधिष्ठिर संवत् 9 से चली आ रही है, और हजारों वर्षों से गुरु-शिष्य और भाई-बहन के संबंधों में संरक्षण और समर्पण के इस सूत्र को निभाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि

“आज भी जब आधुनिकता समाज को बदल रही है, माहेश्वरी समाज अपनी संस्कृति और मूल्यों को संजोए हुए है। यह रक्षा-सूत्र हमें हमारी सनातनी विरासत की याद दिलाता है।”

रक्षाबंधन के इस पर्व पर समाज की बहनें और बेटियाँ बड़ी संख्या में अध्यक्ष सीताराम बिहानी के निवास पर पहुँचीं, जहाँ उन्होंने श्रद्धा भाव से राखी बांधी और आशीर्वाद प्राप्त किया। बिहानी परिवार द्वारा आगंतुक बहनों के स्वागत के लिए विशेष सत्कार और जलपान व्यवस्था की गई थी। सभी बहनों को उपहार देकर ससम्मान विदा किया गया।

यह आयोजन दिन भर चलता रहा और पूरे दिन माहेश्वरी समाज में उत्सव और उल्लास का वातावरण बना रहा। बहनों की आत्मीय उपस्थिति और भाईयों का सम्मान इस रक्षाबंधन पर्व को भक्ति, भाव और परिवारिक एकता का प्रतीक बना गया।

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