‘क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत नहीं आएंगे ट्रंप’, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बड़ा दावा

थर्ड आई न्यूज

न्यूयॉर्क I अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल नवंबर में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अपनी यात्रा रद्द कर दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रिश्तों में पिछले कुछ महीनों में तनाव बढ़ा है, जिसके चलते ट्रंप ने भारत आने का इरादा छोड़ दिया। क्वाड यानी क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। यह समूह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए काम करता है। भारत इस साल नवंबर में नई दिल्ली में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसमें चारों देशों के नेता हिस्सा लेने वाले थे।

क्यों बिगड़े ट्रंप-मोदी के रिश्ते?
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट, जिसकी हेडलाइन है ‘द नोबेल प्राइज एंड अ टेस्टी फोन कॉल: हाउ द ट्रंप-मोदी रिलेशनशिप अनरैवेल्ड’, बताती है कि ट्रंप और मोदी के बीच रिश्तों में दरार की शुरुआत मई में भारत-पाकिस्तान के बीच 4 दिन के सैन्य तनाव को लेकर हुई। ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने इस तनाव को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, 17 जून को ट्रंप और मोदी के बीच 35 मिनट की फोन कॉल हुई, जब ट्रंप कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से वॉशिंगटन लौट रहे थे। इस कॉल में ट्रंप ने फिर से दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान तनाव को खत्म करवाया और यह भी कहा कि पाकिस्तान उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने वाला है। ट्रंप ने इशारों-इशारों में मोदी से भी अपने लिए नोबेल पुरस्कार की सिफारिश करने को कहा। मोदी ने इस बात पर नाराजगी जताई और साफ कहा कि इस तनाव को खत्म करने में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।

भारत और पाकिस्तान ने अपनी सेनाओं के बीच मौजूदा संचार चैनलों के जरिए सीधे बातचीत करके सीजफायर किया था, और यह पहल पाकिस्तान की ओर से शुरू हुई थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी कनाडा से एक वीडियो मैसेज में कहा था कि मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट कर दिया कि न तो भारत-पाक तनाव में अमेरिका की कोई मध्यस्थता थी और न ही भारत ने कोई व्यापार सौदा अमेरिका के साथ किया। भारत कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा।

ट्रंप की नाराजगी और टैरिफ का दबाव :
रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप द्वारा बार-बार दिए गए बयानों (10 मई के बाद 40 से ज्यादा बार) ने मोदी का सब्र तोड़ दिया। ट्रंप ने न केवल भारत-पाक तनाव को खत्म करने का दावा किया, बल्कि भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25% अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के भारत विशेषज्ञ रिचर्ड रॉसो के हवाले से कहा कि यह टैरिफ सिर्फ रूस को निशाना बनाने के लिए नहीं था। रॉसो ने कहा, ‘अगर यह रूस को दबाने की नीति होती, तो ट्रंप रूसी हाइड्रोकार्बन खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून का समर्थन करते। भारत को खास तौर पर निशाना बनाना दिखाता है कि यह सिर्फ रूस के बारे में नहीं है।’

ट्रंप की कोशिशों का मोदी ने नहीं दिया जवाब :
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने टैरिफ वार्ता को लेकर कई बार मोदी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन मोदी ने इन रिक्वेस्ट्स का जवाब नहीं दिया। दोनों नेताओं के बीच पहले कार्यकाल में अच्छे रिश्ते थे, लेकिन अब तनाव साफ दिख रहा है। व्हाइट हाउस ने 17 जून की फोन कॉल को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया, और न ही ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर इस बारे में कुछ लिखा। न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि ट्रंप का भारत दौरा रद्द होना और दोनों नेताओं के बीच बढ़ता तनाव भारत-पाकिस्तान मुद्दे और नोबेल पुरस्कार को लेकर उनके दावों से जुड़ा है।

भारत ने नहीं दिया कोई आधिकारिक बयान :
भारत या अमेरिका की ओर से न्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। भारत ने हमेशा से कहा है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ मुद्दों को द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाएगा और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत अभी भी ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के नेताओं की मेजबानी करने की तैयारी में है। हालांकि, ट्रंप के दौरे के रद्द होने से इस सम्मेलन पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और कूटनीतिक मतभेद पर इस समय पूरी दुनिया की नजरें बनी हुई हैं।

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