‘मिया कह रहे और संदिग्ध बताया जा रहा’, असम में अतिक्रमण हटाओ अभियान पर भड़का जमीयत

थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी I असम में निष्कासन अभियान पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने चिंता जताई है। मंगलवार को उन्होंने कहा, ‘लोगों को धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है ताकि सत्ता हासिल की जा सके। खास तरह के नारे लगाए जा रहे हैं, उन्हें अलग समुदाय कहा जा रहा है, उन्हें मिया बुलाया जा रहा है, उन्हें अज्ञात कहा जा रहा है, उन्हें संदिग्ध कहा जा रहा है और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह रवैया उस बर्बर तरीके से ज्यादा दुखदायी है जिसमें निष्कासन किया जा रहा है।’ मदनी ने कहा कि अगर कोई संदिग्ध है तो संदेह को दूर करने का एक तरीका है। आप उस तरीके को क्यों नहीं अपनाते? अगर कोई विदेशी है तो आप उन्हें निर्वासित क्यों नहीं करते? हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि कोई विदेशी यहां रहे।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा, ‘राज्य में निष्कासन अभियान चलाया जा रहा है। मैंने कल कई क्षेत्रों का दौरा किया। जिस तरह से यहां यह किया जा रहा है, उसे देखकर दुख होता है। अगर आप जाकर इसे देखें, इस व्यवस्था को देखें तो आप भी दुखी होंगे। मुझे खासतौर पर दुख हुआ, क्योंकि समुदाय और देश एक व्यवस्था के तहत बनते हैं।’ उन्होंने कहा कि अगर कुछ भी व्यवस्था का उल्लंघन करके किया जाता है, अगर इसे नजरअंदाज किया जाता है और कुचला जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण व दुखदायी है। उन्होंने कहा कि जितना इसकी निंदा की जाए, उतना कम है।
स्थिति पर पुलिस की कड़ी नजर :
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को बताया था कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद का प्रतिनिधिमंडल असम के ग्वालपाड़ा जिले का दौरा कर रहा है और पुलिस स्थिति पर कड़ी नजर रखेगी। उन्होंने कहा कि सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी कर रहे हैं। शर्मा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के आगामी चुनाव और जिले की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए असम पुलिस शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी जारी रखेगी। जिला प्रशासन भी यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह सतर्क है कि हर समय सार्वजनिक व्यवस्था बनी रहे।’