Op Sindoor: इलियास के खुलासे से दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करेगा भारत; वैश्विक मंच पर दावा होगा मजबूत

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर के परिजनों के परखच्चे उड़ जाने से जुड़ा आतंकी मसूद इलियास कश्मीरी का खुलासा भारत के लिए बड़ा हथियार बनकर सामने आया है। इलियास के खुलासे का वीडियो सामने आने के ठीक अगले दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ने इसका जिक्र किया। इससे साफ है कि भारत इलियास के बयान का इस्तेमाल पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब करने में करेगा।

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के धार में कहा कि कल ही देश और दुनिया ने देखा है कि एक पाकिस्तानी आतंकी ने रो-रोकर अपना हाल बताया है। वहीं, हैदराबाद में एक कायक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इलियास के कुबूलनामे का जिक्र किया।

पाकिस्तान के पंजाब में मिशन मुस्तफा सम्मेलन में किए इलियास के खुलासे ने भारत का यह दावा सच साबित कर दिया है कि बहावलपुर में मरकज सुभानअल्लाह का इस्तेमाल जैश के अड्डे के तौर पर किया जाता रहा है। उसने पाकिस्तानी सेना व सरकार की पोल भी खोल दी है। पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकियों को पनाह देने से इन्कार करता रहा है। इलियास की वीडियो क्लिप पाकिस्तान के गले की फांस बन सकती है।

वैश्विक मंचों पर भारत का दावा होगा मजबूत :
रणनीतिक मामलों के थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन से जुड़े लेफ्टिनेंट जनरल आरके साहनी ने कहा कि स्वाभाविक तौर पर भारत एफएटीएफ जैसे मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ इस इलियास के खुलासे का इस्तेमाल करेगा। हालांकि, बहावलपुर में जैश के ठिकाने के दावे पर किसी को संदेह नहीं था। हमने पहले भी इसका प्रमाण दिया है। वहां हमारा वार एकदम सटीक था।

सामरिक मामलों के विशेषज्ञ मेजर जनरल सुधाकरजी ने कहा कि भारत को यह मसला अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जरूर उठाना चाहिए। जब तक आप पाकिस्तान पर दबाव नहीं डालेंगे, वह आपको निशाना बनाने की कोशिश करता रहेगा। पाकिस्तान अकेला नहीं है उसके साथ कई देश हैं, भारत के चारों तरफ रिंग ऑफ फायर खुल गई है।

ऑपरेशन सिंदूर का अध्ययन कर रहे दुनिया के थिंक टैंक
इलियास कश्मीरी के खुलासे से सटीक वार करने की भारत की क्षमता भी स्थापित हुई है। जानकारों ने बताया कि दुनिया का हर थिंक टैंक ऑपरेशन सिंदूर का अध्ययन कर रहा है, क्योंकि केवल 88 घंटे में एक परमाणु शक्ति संपन्न देश को घुटनों पर ला देना आसान नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *