Silver Shortage : क्या धनतेरस और दिवाली में जानबूझकर बनाई जा रही चांदी की किल्लत, सर्राफा बाजार की राय जानें

थर्ड आई न्यूज

मुंबई I चांदी में त्योहारी महीने में जोरदार तेजी जारी है, जो दिवाली सप्ताह से पहले लगातार बढ़ रही है। 14 अक्तूबर, 2025 को 10 ग्राम चांदी की कीमत पिछले दिन से बढ़कर 1,890 रुपये हो गई। यह तेजी 13 अक्तूबर, 2025 को देखी गई इसी। इस तेजी को देखते हुए निवेशकों और आम उपभोक्ताओं ने चांदी की खरदारी शुरू कर दी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में मुंबई के सराफा बाजार में चांदी की शॉर्टज देखने को मिली। गुरुवार को मुंबई के जावेरी बाजार में चांदी खरीदने आए उपभोक्ताओं को खाली हाथ जाना पड़ा, क्योंकि बाजार चांदी की सीमित होने की वजह से डिलीवरी दो से तीन दिन में देने की बात कही। चांदी के बर्तन तो उपलब्ध थे लेकिन बार और कॉइन नहीं थे। बाजार के जानकर कहते तेजी की वजह से रिटेलर मुनाफा कमाने के लिए भी चांदी की सिमिता दिखाकर 20 से 25 हजार अतिरिक्त प्रीमियम पर बिक्री की है, जिनके पास चांदी का स्टॉक अधिक था उसने इसका फायदा लिया है।

सर्राफा बाजार में चांदी की शार्टेज नहीं :
इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि वैश्विक स्पॉट मार्केट में मूल्य अधिक होने की वजह से इसका प्रभाव देखा जा रहा था, फिलहाल सर्राफा बाजार में चांदी की कमी नहीं है। बाजार में चांदी की खरीदारी सामान्य रूप से हो रही है। उन्होंने कहा कि सोने और चांदी की कीमतें दोनों ही अपने उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। इसलिए धनतेरस और दिवाली में आभूषणों की बिक्री 25 से 30 प्रतिशत कम होने का अनुमान है, जबकि सोने और चांदी के सिक्कों की मांग बढ़ेगी। सिल्वर इंपोरियम के राहुल मेहता कहते हैं कि चांदी की उपलब्धता सीमित थी, लेकिन बिल्कुल समाप्त नहीं थी, फिलहाल बाजार में चांदी की कमी नहीं है। चांदी की उपलब्धता सीमित होने की खबर के बाद सर्राफा बाजार में उपभोक्ताओं ने जल्दबाजी में 20 से 25 हजार रुपये अतिरिक्त प्रीमियम चुका कर भी चांदी की खरीदारी की है। फिलहाल बाजार में चांदी अब अपने मूल्य पर उपलब्ध है।

दिवाली के बाद चांदी की कीमतों कमी के संकेत :
व्यापारिक अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी एक्सचेंज ट्रेडड फंड्स (ईटीएफ) और भौतिक बार व सिक्कों की बढ़ती निवेश मांग के बीच चांदी की कीमतें आसमान पर पहुंच गई है, लेकिन दिवाली के बाद इसमें गिरावट आने की संभावना है, जिससे निवेशकों को नुसकान हो सकता है। बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन राष्ट्रीय प्रवक्ता कुमार जैन कहते हैं, ऐसा कई बार देखा गया है कि धनतेरस और दिवाली के बाद चांदी के भाव में कमी आती है। चांदी के पुराने रुझानों पर नजर डालें तो धनतेरस से पहले चांदी 70 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंची और दिवाली के बाद इसकी कीमतों में 35,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट देखी गई है। हालांकि कीमतों में अधिक कमी आने की संभावना कम है, बावूजद इसके निवेशकों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।

चांदी की कीमतों में तेजी की वजहें :
होलसेल बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश बाफना कहते हैं कि चांदी की कीमतों में यह तेजी उद्योगों की ओर से बढ़ती मांग, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और आपूर्ती में कमी की वजह से बनी हुई है। लेकिन दूसरी ओर इसकी कीमतें कम होने की संभावना से इनकार भी नहीं कर सकते, अगर आपूर्ति बढ़ जाती है, जो कि उद्योग की मांग की वजह से होगी, तो इसकी कीमतों में और वृद्धि आने की गुंजाइश कम हो जाएगी। इतिहास गवाह है कि चांदी में कई बार तूफानी तेजी आने के बाद गिरावट आई है। सोने की तुलना में चांदी का सबसे अधिक इस्तेमाल उद्योग में होता है, इसलिए इसको पूरी तरह सुरक्षित निवेश नहीं माना जाता है।

चांदी की आपूर्ति मांग से कम
मोतीलाल ओसवाल : फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार लगातार औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ती चांदी की आवश्यकता और निवेश मांग की वजह से चांदी सरंचनात्मक पुनर्मूल्यांकन के दौर से गुजर रही है। रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक चांदी की आपूर्ति 31,000 टन है, जबकि मांग 35,700 टन से कही अधिक है। इसमें 118 मिलियन औंस की कमी हो रही है और यह कमी लगातार पांचवें साल भी जारी है।

मोतीलाल ओसवाल के कमोडिटी रिसर्च प्रमुख, नवनीत दमानी चांदी में लंबी अवधि के लिए आशावान बने हुए हैं। वे कहते हैं कि घरेलू मार्चे पर चांदी 2026 के अंत तक 2.40 लाख रुपये प्रति किलोग्राम और 2027 तक 2.46 लाख तक पहुंच सकती है, यह मानते हुए कि डॉलर और रुपये का स्तर 90-92 के आसपास है। भौतिक चांदी की कमी वैश्विक और घरेलू दोनों बाजारों में स्पष्ट है। भारत में चांदी ईटीएफ में इस साल अब तक 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, अकेले अगस्त महीने में मासिक प्रवाह में 180 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

एमसीएक्स पर चांदी में हुई 1.51 प्रतिशत की वृद्धि :
पीली धातु की तरह, एमसीएक्स पर चांदी की कीमतें भी नई ऊंचाई पर पहुंच गईं। दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 2,454 रुपये या 1.51 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 1,64,660 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। इसी प्रकार, मार्च 2026 अनुबंध ने लगातार चौथे सत्र के लिए अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा और कमोडिटी एक्सचेंज पर 2,699 रुपये या 1.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,64,958 रुपये प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया।

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