छठ महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारियों ने भगवान भास्कर को दिया संध्याकालीन अर्घ्य, जुबिन गर्ग की स्मृति में सादगी से मनाया गया पर्व, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम, कल प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ होगा समापन

नगांव से जयप्रकाश सिंह

लोक आस्था और सूर्य उपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन सोमवार को व्रतधारियों ने 36 घंटे का अखंड उपवास रखकर संध्याकालीन भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया।

शहर की कलंग नदी के तट पर विभिन्न छठ पूजा समितियों द्वारा बनाए गए घाटों पर शाम से ही श्रद्धालु अपने परिवारों के साथ पहुँचने लगे। सिर पर फल-फूल और प्रसाद से भरे दौरे लेकर व्रतधारिणियों ने नए वस्त्रों में सजधजकर डूबते सूर्य को जल अर्पित किया। कुछ व्रतधारी दंडवत करते हुए घाट तक पहुँचे, जो इस पर्व की अनन्य भक्ति का प्रतीक रहा।

सुरक्षा और व्यवस्था :
पूरे आयोजन में पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी। सभी प्रमुख घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जबकि समिति के स्वयंसेवक घाट पर पहुँचने वाले व्रतधारियों को सहयोग करते नज़र आए। स्वच्छता और अनुशासन बनाए रखने में भारतीय गंगा सेवा समाज समिति के कार्यकर्ताओं की भूमिका सराहनीय रही।

भावनात्मक माहौल :
इस वर्ष असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग के असामयिक निधन के कारण श्रद्धालुओं में सामान्य वर्षों जैसा उत्साह नहीं दिखाई दिया। पूरे माहौल में शोक और सादगी का भाव देखा गया। छठ मैया के गीतों की जगह श्रद्धांजलि के स्वर गूँजते रहे, और सभी घाटों पर पूजा से पहले जुबिन गर्ग को नमन किया गया।

नेताओं की उपस्थिति :
कार्यक्रम के दौरान नगांव सदर एवं बरहपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रुपक शर्मा ने सूर्य षष्ठी समाज कल्याण समिति द्वारा आयोजित कलंग नदी (नेहरू बाली) घाट पर पहुँचकर श्रद्धालुओं का उत्साहवर्धन किया। समिति ने विधायक का पारंपरिक स्वागत किया।

अंतिम अर्घ्य कल :
चार दिवसीय महापर्व का समापन मंगलवार प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ होगा, जिसके बाद व्रतधारी अपने अखंड उपवास का पारण करेंगे।

यह पर्व भक्ति, अनुशासन और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर असम की सांस्कृतिक समरसता को एक बार फिर उजागर कर गया।

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