Bihar Election : एनडीए की सुनामी में डूब गई ‘सन ऑफ मल्लाह’ की नैया, सहनी का डिप्टी सीएम बनने का सपना भी बिखरा
थर्ड आई न्यूज
पटना I सेल्समैन फिर बॉलीवुड में सेट डिजाइनर से राजनीतिज्ञ बने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी का सपना डिप्टी सीएम बनने का था, लेकिन सन ऑफ मल्लाह के नाम से मशहूर सहनी की राजनीति की नैया एनडीए की सुनामी में समा गई। सहनी के जरिये विपक्षी महागठबंधन का न सिर्फ नए एम (मल्लाह) का प्रयोग विफल रहा, बल्कि इसके कारण उसका पुराना एम (मुसलमान) समीकरण भी ध्वस्त हो गया।
चुनाव में 15 सीटों पर किस्मत आजमाने उतरी वीआईपी की झोली पूरी तरह से खाली रही। न पार्टी का एक भी उम्मीदवार जीता और न ही सहनी विपक्षी महागठबंधन के उम्मीदवारों को मल्लाह बिरादरी का समर्थन दिला पाए। दरअसल, बीते चुनाव में सीट बंटवारे से नाराज होकर विपक्षी महागठबंधन का साथ छोड़ने वाले सहनी ने तब एनडीए का दामन थाम लिया था। इस बार डिप्टी सीएम बनाने की जिद के साथ महागठबंधन में लौटे, मगर महागठबंधन को इसका लाभ नहीं मिला।
सहनी का विवादित बयान भी बना कारण :
प्रचार के दौरान सहनी के विवादित बयान ने मुसलमानों की नाराजगी बढ़ा दी। दरअसल, इस बिरादरी से डिप्टी सीएम उम्मीदवार बनाने की घोषणा नहीं करने संबंधी सवाल के जवाब में सहनी ने कहा था कि यह पद सिनेमा का टिकट नहीं है। एआईएमआईएम ने सहनी के इस बयान और महागठबंधन की ओर से की गई उपेक्षा को मुसलमानों के अपमान से जोड़ दिया। नतीजे में इस बार महागठबंधन से सिर्फ तीन मुस्लिम उम्मीदवार ही चुनाव जीत पाए।
बुरी तरह नाकाम रही महागठबंधन की रणनीति :
राजद की रणनीति सहनी के जरिये एनडीए के अति पिछड़ा वोट बैंक में सेंध लगाने की थी। राजद को लगा कि बीते चुनाव में एनडीए के साथ रहते चार सीट जीतने वाले सहनी महागठबंधन में करीब 10 फीसदी मल्लाह बिरादरी के वोट स्थानांतरित कराने में सफल रहेंगे। इसी लोभ में मुसलमानों की नाराजगी की कीमत पर उन्हें डिप्टी सीएम पद का उम्मीदवार बनाया। पर नतीजे बताते हैं कि इस रणनीति के कारण मल्लाह बिरादरी तो महागठबंधन के साथ नहीं ही आई, उल्टे 18 फीसदी मुसलमान वोट हाथ से फिसल गए।
यहां हार-जीत का सबसे कम अंतर :
सिर्फ 27 वोट से जीते राधा चरण साह: संदेश विधानसभा क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी राधा चरण साह सिर्फ 27 मतों से जीते। उन्हें 80,598 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के दीपू सिंह को 80,571 वोट हासिल हुए। कम मार्जिन से जीत के मामले में दूसरे नंबर पर बसपा के सतीश कुमार सिंह यादव रहे। यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अशोक कुमार सिंह को मात्र 30 वोट से हरा दिया। यादव को 72,689 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी को 72,659 मत मिले।
95 मतों से जीते भाजपा प्रत्याशी महेश पासवान: अगियौं से भाजपा प्रत्याशी महेश पासवान ने कम्युनिस्ट पार्टी (एम एल) के उम्मीदवार शिव प्रकाश रंजन को केवल 95 मतों से मात दी। पासवान को 69,412 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिव प्रकाश रंजन को 69,317 मत मिले।
बाहुबली आनंद के बेटे चेतन 112 मतों से जीते: नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के जदयू प्रत्याशी चेतन आनंद अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के आमोद कुमार सिंह से मात्र 112 मतों से जीते। बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह के बेटे चेतन को 80,380 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी आमोद को 80,268 वोट हासिल हुए।

