एकल अभियान शिवसागर अंचल में महिला ग्राम संगठन प्रशिक्षण वर्ग सफलतापूर्वक सम्पन्न
थर्ड आई न्यूज़
शिवसागर । एकल अभियान शिवसागर अंचल समिति के सौजन्य से रविवार को ग्राम संगठन महिला वर्ग के तहत स्नेह संपर्क परिवार महिला समिति प्रशिक्षण वर्ग का सफल आयोजन बाबा रामदेव मंदिर प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम में एकल अभियान की केंद्रीय महिला प्रमुख चंद्रकांता शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
भारतमाता के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में एकल अभियान शिवसागर अंचल समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता विष्णु शर्मा, कोषाध्यक्ष बुद्धनारायण अग्रवाल, संस्कार शिक्षा समिति के सचिव विजय कुमार चित्तावत, संभाग संस्कार प्रभारी संगीता अग्रवाल, अंचल महिला समिति अध्यक्षा सुमन शर्मा, सचिव अनु शर्मा, केयरटेकर मदर कविता अग्रवाल, पिंकी फोगला और रेखा बुखरेडिया सहित विभिन्न प्रभागों के प्रमुख एवं प्रशिक्षक उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि चंद्रकांता शर्मा ने अपने संबोधन में एकल अभियान के उद्देश्य, इतिहास और महत्व का विस्तृत उल्लेख किया। उन्होंने महिला वर्ग प्रशिक्षण की उपयोगिता, केयरटेकर मदर की भूमिका, कार्ययोजना निर्माण, स्वावलंबन और सामाजिक दायित्व जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला।

अंचल समिति अध्यक्ष अधिवक्ता विष्णु शर्मा ने कहा कि एकल अभियान देश के सीमांत, जनजाति बहुल और पिछड़े ग्रामीण अंचलों में पंचमुखी शिक्षा योजना के माध्यम से संस्कार, प्राथमिक, स्वास्थ्य, ग्राम विकास और स्वाभिमान जागरण शिक्षा प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देशभर में एक लाख से अधिक तथा पूर्वोत्तर के दुर्गम व चाय बागान बहुल क्षेत्रों में सात हजार से अधिक एकल विद्यालय संचालित हैं। शिवसागर जिले में भी तीन सौ विद्यालय सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
कार्यक्रम में शिवसागर अंचल की सात संच समितियों से आए कुल 93 स्नेह संपर्क परिवार (SSP) प्रतिनिधियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
उपस्थित प्रशिक्षकों में बासोपी रोंगपी, सुरुजमोनी भूमिज, रूबिता कुंवर, पुरंदर पेगु, ऋतुपर्णा हजारिका, जूनमोनी कुर्मी, दीपान्ती बाउरी, ज्योतिर्मय गोगोई, वर्षा बरुवा, दिगंत दास, जुगानंद तांती, सुरभी गोगोई, बिंदावती गोवाला, जूरी मुंडा और तुलूमोनी कोटोकी बरगोहाई शामिल थे।
प्रशिक्षण वर्ग उत्साह, अनुशासन और सकारात्मक ऊर्जा के साथ सम्पन्न हुआ, जिसने शिवसागर अंचल में महिला वर्ग की संगठनात्मक एकता को और भी सुदृढ़ किया।

