“शुभकरण शर्मा स्मृति अनुवाद साहित्य पुरस्कार” की घोषणा — शिवसागर जिला साहित्य सभा की ऐतिहासिक पहल
थर्ड आई न्यूज
शिवसागर। अनुवाद साहित्य के विशिष्ट लेखक स्वर्गीय शुभकरण शर्मा की स्मृति में आज शिवसागर जिला साहित्य सभा के नगर कार्यालय में आयोजित विशेष व्याख्यान कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का आयोजन शिवसागर जिला साहित्य सभा के सौजन्य तथा शुभकरण शर्मा स्मृति न्यास के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता, विशिष्ट लेखिका एवं शिवसागर विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. मायाश्री गोस्वामी ने कहा कि “अनुवाद कार्य सरल नहीं है; हर भाषा अपनी स्वतंत्र संरचना, ध्वनि, शब्द और अर्थ-व्यवस्था के साथ चलती है। मूल एवं लक्ष्य भाषा का समान कौशल न होने पर अनुवाद अपनी संवेदना खो देता है।” उन्होंने अनुवाद साहित्य की आवश्यकता, महत्व, प्रकार तथा असमिया अनुवाद साहित्य के विकास पर विस्तृत और सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय शुभकरण शर्मा के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद ‘चिर स्नेही मोर भाषा जननी’ गीत की सामूहिक प्रस्तुति ने वातावरण को साहित्यिक भाव से भर दिया।
सभा के अध्यक्ष एवं विशिष्ट कवि–निबंधकार योगेश किशोर फुकन ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि उपाध्यक्ष डॉ. जीवन कलिता ने स्वागत भाषण में शुभकरण शर्मा के जीवन और साहित्यिक योगदान का उल्लेख किया।
सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार गोगोई ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य की विस्तृत जानकारी दी।
सभा में देवयानी महंत, सत्यप्रभा गोगोई बुढ़ागोहाँई, नीपा बरुआ, शंकरलाल अग्रवाला, डॉ. मिंति गोगोई और नजिउल्ला हाजरिका सहित कई रचनाकारों ने कविता पाठ किया।
असम साहित्य सभा के अनुवाद साहित्य प्रकल्प संयोजक बाबुल कुमार बरुआ सहित अनेक साहित्यकारों ने शुभकरण शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व से जुड़ी स्मृतियाँ साझा कीं और कहा कि असम में अनुवाद साहित्य को और बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
स्मृति न्यास की ओर से शुभकरण शर्मा के पुत्र संजय पारीक व परिवारजनों ने साहित्य सभा द्वारा इस पहल की सराहना की।
कार्यक्रम में जिले के अनेक साहित्यप्रेमी, समाजसेवी, पत्रकार, जिला साहित्य सभा के पदाधिकारी एवं शाखा साहित्य सभाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
अनुवाद साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण घोषणा :
शिवसागर जिला साहित्य सभा ने घोषणा की कि वर्ष 2026 से राज्य स्तर पर ‘शुभकरण शर्मा स्मृति अनुवाद साहित्य पुरस्कार’ प्रदान किया जाएगा यह पुरस्कार हर वर्ष असम में निवास करने वाले योग्य अनुवादक को ₹5,000 की नकद राशि, अभिनंदन पत्र, स्मृतिचिह्न, सेलेंग चादर और फूलाम गामोछा के साथ प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम में यह भी उल्लेख किया गया कि छात्र जीवन में ‘अब्राहम लिंकन अवार्ड’ प्राप्त करने वाले और राजनीति विज्ञान में प्रथम श्रेणी स्नातक स्वर्गीय शुभकरण शर्मा ने हिंदी एवं संस्कृत के छह महत्वपूर्ण ग्रंथों का असमिया भाषा में अनुवाद कर अमूल्य योगदान दिया।
कार्यक्रम में उनका परिवार उन छह अनूदित ग्रंथों को जिला साहित्य सभा को समर्पित करते हुए भावुक हो उठा।

