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नई बाबरी की नींव पर छिड़ी जंग: TMC विधायक का 6 दिसंबर का शि‍ला‍न्‍यास कार्यक्रम, BJP ने उठाए सवाल

थर्ड आई न्यूज

कोलकाता I पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के भरतपुर से विवादास्पद तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूँ कबीर, जिन्होंने 22 दिसंबर को अल्पसंख्यकों के लिए एक नया संगठन बनाने की धमकी दी है, ने अपनी पार्टी को फिर से हैरान कर दिया है। इस बार उन्होंने 6 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित मूल बाबरी मस्जिद के विध्वंस की वर्षगांठ पर ज़िले में अपनी प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के शिलान्यास के लिए एक युवा विपक्षी विधायक नौशाद सिद्दीकी को आमंत्रित किया है।

सिद्दीकी 2021 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण 24 परगना के भांगड़ से पहली बार इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इस संगठन की स्थापना उनके भाई और मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी ने की थी। वे राज्य में विपक्ष के एकमात्र मुस्लिम विधायक भी हैं। कबीर ने कहा कि 6 दिसंबर को, जैसा कि पहले घोषित किया गया था, मैं बेलडांगा में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद का शिलान्यास करूँगा। मैंने सिद्दीकी को इस समारोह में आमंत्रित किया है क्योंकि वे भी धार्मिक हैं। हम इस कार्यक्रम में विधायक के रूप में नहीं, बल्कि एक धर्मनिष्ठ मुसलमान के रूप में शामिल होंगे।

उन्होंने आगे कहा कि चूँकि यह कार्यक्रम बहुत पहले से तय था, इसलिए मेरे लिए कोलकाता में टीएमसी द्वारा आयोजित बाबरी मस्जिद एकजुटता रैली में शामिल होना संभव नहीं है। मैंने पहले ही मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ अपने कार्यक्रम में शामिल होने का वादा किया है। हालाँकि सिद्दीकी ने अभी तक कबीर के निमंत्रण पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक हलकों में उत्सुकता है कि क्या विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ और विपक्षी विधायकों को एक ही धार्मिक आयोजन में एक मंच पर देखा जाएगा।

हालांकि, इसको लेकर सियासी बवाल मच चुका है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कि यह टीएमसी की तुष्टिकरण की राजनीति है। टीएमसी का मतलब अब ‘तुष्टि कारण मुझे चाहिए’ है… यह विवादास्पद हुमायूं कबीर, जो कहता है कि वह हिंदुओं को काटकर भागीरथ में फेंक देगा, अब एक और विवादास्पद बयान दे रहा है क्योंकि उनका दर्शन है, ‘हिंदुओं को गाली दो और वोट बैंक की ताली लो।’ ये वही लोग हैं जो ‘जय श्री राम’, राम मंदिर का विरोध करते हैं, जिन्होंने ‘माँ सीता’, ‘माँ दुर्गा’, ‘माँ काली’ का अपमान किया है और कहते हैं कि सनातन को खत्म कर देना चाहिए। ये वही लोग हैं जो वोट बैंक की राजनीति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, चाहे वह वक्फ, सीएए, एसआईआर पर भड़काना हो या इस तरह की चीजें करना हो।

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि अगर मंदिर की आधारशिला रखी जा सकती है, तो मस्जिद की आधारशिला रखने में क्या समस्या है? जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे निरर्थक अटकलें लगा रहे हैं… यही इस देश और सभी देशों में धार्मिक स्वतंत्रता है।

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