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SIR: राज्यसभा में एसआईआर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार, रिजिजू बोले- …लेकिन विपक्ष समयसीमा तय नहीं कर सकता

थर्ड आई न्यूज

नई दिल्ली I एसआईआर के मुद्दे पर संसद में हंगामा जारी है, इसके चलते बीते दो दिनों में सदन की कार्यवाही भी सुचारू रूप से नहीं चल सकी है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा है। अब सरकार ने कहा है कि वे एसआईआर पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष चर्चा की समयसीमा तय नहीं कर सकता। विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिए थे, लेकिन सभापति सीपी राधाकृष्णन ने इन प्रस्तावों को खारिज कर दिया।

खरगे ने की तुरंत चर्चा की मांग :
मंगलवार को राज्यसभा में हंगामे के बीच नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा ‘लोग मर रहे हैं, इसके बावजूद एसआईआर की प्रक्रिया तेजी से जारी है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए।’ खरगे ने कहा कि ‘मैं चाहता हूं कि इस पर अभी चर्चा हो। यह नागरिकों, देश और लोकतंत्र के हित में है।’ इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वह इसे लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं से चर्चा करेंगे, लेकिन इसके लिए विपक्ष समयसीमा तय नहीं कर सकता।

रिजिजू का तंज- चुनाव में हार का गुस्सा संसद में निकाल रहा विपक्ष :
रिजिजू ने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में हमें चर्चा करनी चाहिए। देश में कई अहम मुद्दे हैं, लेकिन आप एक मुद्दे के लिए बाकी को कमतर नहीं आंक सकते। सभी मुद्दे अहम हैं। हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन आपको पहले सलाह मशविरा तो करना चाहिए। आप तो समयसीमा तय कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार को अभी बताना चाहिए, ये ठीक नहीं है।’ विपक्ष पर तंज कसते हुए रिजिजू ने कहा, ‘आप चुनाव जीत नहीं पा रहे हैं, लोगों को आप पर विश्वास नहीं है और अपना गुस्सा संसद में निकाल रहे हैं। ये ठीक नहीं है।’

लोकसभा स्पीकर ने बुलाई सर्वदलीय बैठक :
लोकसभा में हंगामे और लगातार हो रहे व्यवधान से बिफरे स्पीकर ओम बिरला ने भी गतिरोध दूर करने के लिए आज तीन बजे सांसदों की सर्वदलीय बैठक बुलाई है। वहीं राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि स्थगन प्रस्ताव देने वाले सांसदों के नाम भी नहीं पढ़े जा रहे हैं और प्रस्ताव को खारिज कर दिया जा रहा है। खरगे ने इसे गलत बताया। खरगे ने सभापति के विपक्ष की तरफ न देखने पर भी आपत्ति जताई। जिस पर सभापति ने कहा कि जब सदन ऑर्डर में ही नहीं है तो वे सभी की बात कैसे सुन सकते हैं।

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