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असम में घुसपैठियों की खैर नहीं, हिमंत विश्व शर्मा की अपील – अज्ञात लोगों को जमीन न दें और न ही उन्हें काम पर रखें

थर्ड आई न्यूज

गुवाहाटी I असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आज गुवाहाटी के बोरागाँव में असम आंदोलन के शहीद दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक का उद्घाटन करते हुए लोगों से राज्य में किसी भी अज्ञात व्यक्ति को नौकरी न देने या ज़मीन न बेचने का आग्रह किया। असम के मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक को उन शहीदों को समर्पित किया जिन्होंने 1979 में बांग्लादेश से असम में प्रवेश करने वाले घुसपैठियों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी।

हिमंत ने कहा कि हमने 10 दिसंबर 2019 को जातीय शहीद स्मारक की आधारशिला रखी थी। उस समय सर्वानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री थे। आज हमने असम आंदोलन के शहीदों की स्मृति में एक सुंदर शहीद स्मारक समर्पित किया है। हिमंत ने कहा कि 10 दिसंबर हमारे लिए एक पवित्र दिन है, एक नया संकल्प लेने का दिन है। मैं असम और देश के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी जमीन अनजान लोगों को न बेचें। अपने उद्योगों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में अनजान लोगों को नौकरी न दें और अनजान लोगों को अपनी जमीनों पर खेती करने के लिए न लाएं।

असम के मुख्यमंत्री ने उस समय एक सभागार के निर्माण के बारे में जानकारी दी और एक डिजिटल पुस्तकालय की योजना का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यहां 500 सीटों की क्षमता वाला एक सभागार बनाया जा रहा है। मेरा सपना है कि असम आंदोलन और असमिया इतिहास का एक डिजिटल पुस्तकालय बनाया जाए, जहां हम अपने समुदाय के 5000 साल पुराने इतिहास को देख सकें। मुख्यमंत्री के अनुसार, पश्चिम बोरागाँव में 150 बीघा से अधिक भूमि पर 170 करोड़ रुपये की लागत से शहीद स्मारक और शहीद स्तंभ का निर्माण किया गया है।

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल और राज्य सरकार के मंत्रिमंडल मंत्री अतुल बोरा, केशव महंत, बिमल बोरा, पीयूष हजारिका और जयंत मल्लबारुआ, मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा, वरिष्ठ अधिकारी, एएएसयू के मुख्य सलाहकार डॉ. समुज्जल कुमार भट्टाचार्य, अध्यक्ष उत्पल शर्मा, महासचिव समीरन फुकन और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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