रनोज पेगू के लौटते ही फिर भड़की हिंसा: पश्चिम कार्बी आंगलोंग के खेरोनी बाजार में भारी तोड़फोड़, हालात बेहद तनावपूर्ण
थर्ड आई न्यूज
गुवाहाटी, 23 दिसंबर: पश्चिमी कार्बी आंगलोंग के कोपिली नदी के पश्चिमी तट के पास स्थित खेरोनी इलाके में मंगलवार को हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अशांति खेरोनी के दैनिक बाजार तक फैल गई और देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए।
आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने बाजार क्षेत्र में जमकर उत्पात मचाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ ने एक सिरे से दूसरे सिरे तक दुकानों में तोड़फोड़ की, शीशे तोड़े, सामान लूटा और पूरे इलाके में मलबा बिखेर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शिक्षा मंत्री रनोज पेगू के क्षेत्र से लौटने के बाद भीड़ और बढ़ गई। मंत्री ने प्रदर्शनकारियों को यह आश्वासन दिया था कि सरकार आंदोलनरत स्थानीय लोगों और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) के प्रतिनिधियों के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक बुलाएगी।
तनाव बढ़ने पर पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। स्थानीय लोगों ने कई स्थानों पर आग लगने की सूचना दी, जहां प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया और सड़कों को अवरुद्ध किया।
घने धुएं के कारण इलाके में अफरा-तफरी मच गई। भयभीत लोग जान बचाकर भागते दिखे, जबकि दुकानदारों ने जल्दबाजी में शटर गिरा दिए। आमतौर पर चहल-पहल से भरा रहने वाला खेरोनी बाजार देखते ही देखते हिंसा का केंद्र बन गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए असम के पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह मौके पर मौजूद हैं। वे हालात का जायजा ले रहे हैं और सड़कों पर गश्त कर लोगों को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें प्रदर्शनकारियों से सीधे बातचीत करते हुए पत्थरबाजी और हिंसा से दूर रहने की अपील करते देखा गया।
डीजीपी ने प्रदर्शनकारियों से कहा, “मैं आप सभी से कल रात से बात कर रहा हूं। अब जब सब कुछ सुलझ गया है, तो फिर यह हंगामा क्यों?”
उन्होंने बताया कि पिछले दिन से अब तक तीन मोटरसाइकिलों को आग के हवाले किया गया है, जिनमें एक पुलिसकर्मी की बाइक भी शामिल है। उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन क्षेत्र से आ रही अपुष्ट खबरों के मुताबिक कई लोग, जिनमें सुरक्षा बलों के जवान भी शामिल हैं, घायल हो सकते हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत निषेधाज्ञा अब भी लागू है, लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और आदेशों की अवहेलना करते नजर आए।
इससे पहले दिन में रनोज पेगू ने बताया था कि कार्बी समुदाय के लोग 6 दिसंबर से भूख हड़ताल पर थे। जब कुछ प्रदर्शनकारी बीमार पड़े और उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया, तो उनकी गिरफ्तारी की अफवाह फैल गई, जिससे हिंसा भड़क उठी।
सोमवार को खेरोनी में हिंसा के दौरान पुलिस फायरिंग में चार लोग घायल हुए थे। उसी दिन प्रदर्शनकारियों ने डोंकामोकाम में KAAC प्रमुख तुलिराम रोंगहांग के पुराने आवास को आग लगा दी थी, करीब 15 दुकानों को जला दिया गया था और एक पुलिस थाने पर हमला करने की भी कोशिश की गई थी।
खेरोनी में स्थिति अब भी बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है और आगे की जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।

